पाकिस्तान की साज़िश से बेहाल हुई ‘पीओके’ की जनता ने किया भारत से अनुरोध

मुझफ्फराबाद, (वृत्तसंस्था) – कोरोना वायरस की महामारी फैलने से पहले ही ‘पीओके’ में गेहूँ के आटे का दर ३५ रुपयों तक जा चुका था। लेकिन यह महामारी ख़त्म होने के बाद इन दामों में दोगुनी बढोतरी हुई है। पीओके की जनता सिर्फ दामों की बढ़ोतरी का ही नहीं, बल्कि अनाज की किल्लत का भी सामना कर रहीं हैं। ज़्यादा क़ीमत देने के बावजूद भी अनाज और दवाइयाँ प्राप्त नहीं हो रही हैं, यह शिकायत यहाँ की जनता कर रही है। ऐसे में, पाकिस्तान की सरकार पीओके में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए मरीज़ों को बडी संख्या में भेज रही है और यहाँ के स्थानीय लोगों को अल्पसंख्यांक बनाने की भयंकर साज़िश इसके पीछे है। इस वजह से पीओके की जनता बेहाल हुई है और भारत के सामने सहायता प्रदान करने की याचना कर रही है।

पाकिस्तान के सभी प्रांत, पहले से ही कोरोना वायरस की महामारी का मुकाबला करने के लिए जरूरी वैद्यकीय सुविधा ना होने की शिकायत कर रहें हैं। इसके साथ ही ऐसे दौर में गरीब और बेबस नागरिकों को अनाज और औषधि पहुँचाने के लिए पर्याप्त भांडार ना होने की तकरार पाकिस्तान के सभी प्रांत कर रहें हैं। ऐसी स्थिति में पीओके की जनता की स्थिति काफी ज्यादा खराब हुई हैं। पहले से ही इस प्रांत की ओर पाकिस्तान अनदेखा करता रहा है। ऐसे में, कोरोना की महामारी फैलने पर अब यहाँ की जनता को मुश्‍किलों में फँसाने की कोशिश पाकिस्तान की सरकार कर रही है।

पीओके में बहुसंख्यांक होनेवाले स्थानीय लोगों को अल्पसंख्यांक बनाकर पाकिस्तान के अन्य प्रांतों के लोगों को लाकर यहाँ रखने की साज़िश पाकिस्तान ने पहले ही बनाई थी। कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना, “पीओके’ में कोरोना के मरीज़ों को भेज रही है, यह शिक़ायत स्थानीय जनता कर रही है। साथ ही, यहाँ पर अनाज की आपूर्ति करने के लिए थोडी भी अहमियत नहीं दी जा रही है। इससे अनाज की कमी बनी है और इससे पीओके की जनता बेहाल हुई है। इसी कारण कुछ दिन पहले, प्रति किलो ३५ रुपये दर से उपलब्ध हो रहा गेंहू का आटा अब दोगुना महँगा हुआ है।

साथ ही, कोरोना वायरस की महामारी से कोहराम मचा होने के बावजूद पीओके की जनता को दवाइयों की आपुर्ति करने की ओर पाकिस्तान ने ध्यान दिया नहीं है। पाकिस्तान की सरकार और सेना से हो रही इस नजरअंदाजी के पीछे काफी बडी साजिश है। फिलहाल पीओके में सिर्फ नाम के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बने हैं और यहाँ की सरकार की व्यवस्था स्वतंत्र होने का दावा पाकिस्तान करता रहा है। इसी लिए इस प्रांत को पाकिस्तान ‘आजाद कश्‍मीर’ कहता रहा है। अभी भी पीओके की बची कुची आजादी भी छिनने की तैयारी पाकिस्तान ने की है। इसके लिए कोरोना वायरस का इस्तेमाल करने की योजना पाकिस्तानी सेना ने बनाई है।

पाकिस्तान के शिकंजे से पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान को छुडाने के लिए, पाकिस्तान से बाहर रहकर लड रहे कुछ कार्यकर्ताओं की वजह से यह बात उजागर हुई थी। अब पीओके के स्थानीय लोग भी पाकिस्तान की इस साजिश के विरोध में खडें हुए हैं और उन्होंने इस साजिश के विरोध में प्रदर्शन करने की खबरें भी प्राप्त हुई थी। ऐसी स्थिति में राजौरी और जम्मू इन पीओके से नज़दीक होनेवाले क्षेत्रों में भारत हमें औषधि और अनाज की आपूर्ति करें, यह माँग पीओके की जनता कर रही हैं। काफी कठिनाई से भरे दौर में, पीओके की जनता ने भारत पर दिखाया यह भरोसा और पाकिस्तान पर दिखाया अविश्‍वास काफी बडे बदलाव के संकेत दे रहा है।

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