कराची में हुए हमले के लिए भारत को ज़िम्मेदार बतानेवाले पाकिस्तान को भारत की फ़टकार

इस्लामाबाद/नई दिल्ली – कराची के स्टॉक एक्सचेंज में हुए आतंकी हमले का दोषारोपण भारत पर थोंपनेवाले पाकिस्तान को भारत ने ज़ोरदार फ़टकार लगाई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जहाँ आंतर्राष्ट्रीय आतंकी का उल्लेख ‘शहीद’ ऐसा करते हैं, ऐसा देश दूसरों पर आरोप करने की अपेक्षा आतंकवाद के संदर्भ की अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करें, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को सुनाया।Anurag-Srivastava-Karachi-Attack

सोमवार को कराची स्टॉक एक्सचेंज की ईमारत पर बलोच बाग़ियों ने किये हमले में सात लोग मारे गये थे। उसके बाद कुछ ही समय में पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने इसका दोषारोपण भारत पर रखा था। भारत ने अपने स्लीपर सेल सक्रिय किये होकर, इस हमले के पीछे भारत की साज़िश होने का झूठा आरोप कुरेशी ने किया था। मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने भी, इस हमले के पीछे भारत ही होने के आरोप संसद में किये। लेकिन उससे पहले ही, पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे आरोपों को भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा ज़ोरदार उत्तर दिया गया।

पाकिस्तान के आरोप हास्यास्पद हैं। पाकिस्तान अपनी अंतर्गत समस्याओं के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराना चाहता है”, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाकिस्तान को सुनाया। पाकिस्तान ने पहले आतंकवाद के बारे होनेवाली अपनी भूमिका पर विचार करने की ज़रूरत है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, लादेन जैसे आंतर्राष्ट्रीय आतंकी को ‘शहीद’ बोलते हैं, इसपर श्रीवास्तव ने ग़ौर फ़रमाया। साथ ही, दुनिया में कहीं पर भी आतंकी हमला हुआ, तो उसका निषेध करते समय भारत हिचकिचाता नहीं। कराची में हुआ हमला भी इसके लिए अपवाद (एक्सेप्शन) नहीं है, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है।

सोमवार को कराची स्टॉक एक्सचेंज की ईमारत में घुसते हुए बाग़ियों ने ‘स्वतंत्र बलोचिस्तान’ और ‘स्वतंत्र सिंधुदेश’ के नारे लगाये थे। पाकिस्तान में ‘स्वतंत्र बलोचिस्तान’ और ‘स्वतंत्र सिंधुदेश’ का आंदोलन तीव्र हुआ होकर, दो हफ़्ते पहले बलोचिस्तान में उग्र प्रदर्शन हुए थे और पाकिस्तानी लष्कर के जवानों को अपनी चौकी छोड़कर भागना पड़ा था। पाकिस्तानी लष्कर द्वारा बलोच जनता पर जारी अनन्वित अत्याचारों के ख़िलाफ़ बलोच जनता ग़ुस्सा हुई है। इसपर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ग़ौर फ़रमाने के लिए बलोच नागरिक दुनियाभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान में ही उठनेवालीं ये स्वतंत्रता की आवाज़ें अधिक तीव्र हो जाने के कारण पाकिस्तान बेचैन हुआ है।

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