जम्मू-कश्‍मीर से २०० से अधिक युवा लापता

श्रीनगर – पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय ने पाकिस्तान का वीज़ा प्रदान किए हुए जम्मू-कश्‍मीर के २०० से अधिक युवक लापता हुए हैं। इन लापता युवकों को पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दे रहा है, ऐसी आशंका गुप्तचर यंत्रणाओं को है। सुरक्षा यंत्रणाओं को इसके बारे में सतर्क किया गया है। साथ ही, पाकिस्तान के भारत में स्थित उच्चायुक्तालय की भूमिका पर भी इससे सवाल उपस्थित हो रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय से जासूसी होने की बात स्पष्ट होने पर भारत ने इस उच्चायुक्तालय के कर्मचारियों की संख्या में ५०% कटौती करने के आदेश जारी किए थे। इस पृष्ठभूमि पर, उपरोक्त मामले में पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय की भूमिका को लेकर व्यक्त हो रही आशंका अहमियत रखती है।Jammu Kashmir terrorists

सन २०१७ से पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय ने जम्मू-कश्‍मीर के ३९९ युवाओं को पाकिस्तान का वीज़ा दिया हैं। इनमें से २१८ युवा लापता होने की बात सामने आयी है। इन युवाओं को पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है, ऐसी आशंका गुप्तचर यंत्रणा को है। जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी हमलें करके, वहाँ पर अस्थिरता फैलाने के लिए इन कश्‍मीर युवाओं का इस्तेमाल पाकिस्तान करेगा, ऐसी संभावना बनी है।

जम्मू-कश्‍मीर के युवाओं को पाकिस्तान का वीज़ा देनेवाले पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय की भूमिका भी संदिग्ध है। ५ अप्रैल के दिन सुरक्षा दल ने जम्मू-कश्‍मीर में पाँच आतंकियों को ढ़ेर किया था। इन पाँचों लोगों को, सन २०१८ में ही पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय ने वीज़ा जारी किया था। साथ ही, जम्मू-कश्‍मीर के सुरक्षा बलों ने हिजबुल के आतंकी को गिरफ़्तार भी किया था। उसकी जाँच के दौरान, पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय से आतंकियों को प्रदान हो रही सहायता की जानकारी प्राप्त हुई थी। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के दो राजनीतिक अधिकारियों को भारतविरोधी हरकतें समय दिल्ली पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा था। इसके बाद इन दोनों का निष्कासन किया गया था।

इसी बीच, कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी उच्चायुक्तालय के अधिकारियों की संख्या में भारत ५० प्रतिशत कटौती करेगा, यह ख़बर भी जारी हुई थी। जासूसी, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्तालय के अधिकारीयों को परेशान करने की हो रही हरकत, इनके कारण भारत ने यह निर्णय करके पाकिस्तान को तमाचा जड़ा था।

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