नेदरलॅंड्स में बढ़ रहे कट्टरतावाद के पीछे तुर्की राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन का हाथ – नेदरलॅंड्स की सुरक्षा यंत्रणा का दावा

ऍमस्टरडॅम – नेदरलॅंड्स में कट्टर वाद का प्रभाव बढ़ रहा होकर, उसके पीछे तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन का हाथ होने का आरोप नेदरलॅंड्स की सुरक्षायंत्रणा द्वारा किया गया है। राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने जानबूझकर नेदरलॅंड्स (हॉलंड/डच) के तुर्कीवंशियों में विद्वेष को बढ़ावा देने की साजिश की होने का दोषारोपण डच सुरक्षायंत्रणा ने किया है। यह रिपोर्ट सामने आ रही थी कि तभी नेदरलॅंड्स के संसद सदस्य गीर्ट विल्डर्स ने, एर्दोगन का ‘टेररिस्ट’ ऐसा उल्लेख होने वाले ट्वीट प्रकाशित किए होकर, उसके विरोध में तुर्की ने जांच के आदेश दिए हैं।

नेदरलॅंड्स के ‘न्याय और सुरक्षा मंत्रालय’ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ‘नॅशनल कोऑर्डिनेटर फॉर सिक्युरिटी ऍण्ड काऊंटरटेररिझम’ ने देश में बढ़ते कट्टरवाद के संदर्भ में रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि यह रिपोर्ट अभी भी सार्वजनिक नहीं की गई है, फिर भी एक डच मासिक पत्रिका ने उसकी जानकारी प्राप्त होने का दावा किया है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन नेदरलॅंड्स में कट्टरतावाद और धार्मिक विद्वेष का प्रसार करनेवाले ‘तुर्की-डच’ गुड्डू को प्रोत्साहन दे रहे हैं ऐसा पाया गया होने का दावा इस मासिक पत्रिका ने किया है।

दो साल पहले नेदरलॅंड्स में हुआ आतंकी हमला और एर्दोगन के कट्टरतावादी बयान, इनका संबंध होने का दावा भी डच यंत्रणा द्वारा किया गया। ‘उट्रेक्ट’ मैं कराए गए आतंकवादी हमले का हमलावर तानिस नाम का तुर्कीवंशिय था, इस पर भी गौर फरमाया गया है। नेदरलॅंड्स के तुर्की समाज पर तुर्की की सत्ताधारी हुकूमत का जबरदस्त प्रभाव होकर, दोहरी नागरिकता होने वाले कई ‘तुर्की-डच’ नागरिक एर्दोगन को मतदान करते हैं, ऐसा भी सामने आया है। एर्दोगन हुकूमत ने स्थापित किए कई गुटों के साथ इन नागरिकों के होने वाली संबंध भी सामने आए हैं। नेदरलॅंड्स में फिलहाल चार लाख ‘तुर्की-डच’ नागरिकों का वास्तव्य है।

इसी बीच, आक्रामक दक्षिणपंथी विचारधारा के डच संसद सदस्य गीर्ट विल्डर्स ने, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की तस्वीर ट्विट करके ‘टेररिस्ट’ ऐसा उल्लेख किया है। नेदरलॅंड्स की ‘फ्रीडम पार्टी’ के प्रमुख होनेवाले विल्डर्स ने, तुर्की राजदूत को निकाल बाहर करने की भी मांग की है। विल्डर्स के इस ट्विट के कारण तुर्की बौखला गया होकर, एर्दोगन हुकूमत ने उनकी जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन नेदरलॅंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रुट ने तुर्की के इस निर्णय की आलोचना की होकर, तुर्की का निर्णय अस्वीकारार्ह होने की बात जताई है।

netherlands-turkey-erdoganनेदरलॅंड्स और तुर्की के संबंधों में सन २०१७ से तनाव होकर, रुट की भूमिका के कारण वह अधिक ही बढ़ने के संकेत मिले हैं। सन २०१७ में डच सरकार ने एर्दोगन हुकूमत के दो मंत्रियों को नेदरलॅंड्स मैं प्रवेश नकारा था। ये मंत्री नेदरलॅंड्स के तुर्कीवंशियों में एर्दोगन का प्रचार करना चाहते थे। उसके बाद पिछले वर्ष फ्रान्स और तुर्की में हुए विवाद में डच सरकार ने फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युएल मॅक्रॉन को समर्थन दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.