एर्दोगन के विरोध में बगावत करने पर तुर्की ने जारी किए करीबन ७०० लोगों की गिरफ्तारी के आदेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्तंबूल: वर्ष २०१६ में राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन की सत्ता का तख्तापलट करने के लिए तुर्की में हुई बगावत के मामले में करीबन ७०० लोगों को अपराधी करार देकर तुर्की के न्यायालय ने इन लोगों को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए है| साथ ही तुर्की के न्यायालय ने इस मामले में एर्दोगन के कडे विरोधी फेतुल्ला गुलेन को भी अपरादी करार दिया है| इस दौरान पिछले चार वर्षों में तुर्की ने इस मामले में करीबन ८० हजार लोगों को गिरफ्तार किया है और डेढ लाख से भी अधिक सरकार, लष्करी एवं निजि कर्मचारी एवं अफसरों को सेवा से निकाल बाहर किया है|

तुर्की के न्यायालय ने मंगलवार के दिन घोषित किए निर्णय के अनुसार ६९५ आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए है| तुर्की की कानून एवं व्यवस्था का नुकसान करने का आरोप इनपर रखा गया है| विदेशी हस्तकों के साथ मिलकर तुर्की में अराजकता निर्माण करने की कोशिश होने का आरोप भी न्यायालय ने अपने निकाल में रखा है| इस मामले में तुर्की की सुरक्षा यंत्रणाओं ने पहले ही करीबन १०० लोगों को हिरासत में लिया था| अन्य ५९५ लोगों को जल्द ही गिरफ्तार करने के आदेश अदालत ने जारी किए है|

इनमें तुर्की की सुरक्षा यंत्रणा के सौ से भी अधिक अफसरों का समावेश है| रक्षा विभाग के तीनों दलों के वरिष्ठ अफसरों समेत गुप्तचर यंत्रणा के अफसर भी इसमें शामिल है| वही, प्रशासकीय और निजि सेवा के कर्मचारीयों की संख्या भी बडी है| जल्द ही इस गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू होगी और इश वजह से फिर एक बार तुर्की में सुरक्षा व्यवस्था बढाई गई है| वही, गुलेन को प्रत्यार्पित करने के मुद्दे पर तुर्की लगातार अमरिका के सामने मांग रख रहा है|

वर्ष २०१६ के जुलाई महीने में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के विरोध में तुर्की में बगावत हुई थी| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ही एक मुलाकात के जरिए यह जानकारी सार्वजनिक करके जनता को बागियों के विरोध में रास्तों पर उतरने का निवेदन किया था| उससमय तुर्की की सेना और बागियों के बीच हुए संघर्ष में २५० लोग मारे गए थए| साथ ही राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की हत्या करने की भी कोशिश हुई थी| इसके फोटो भी प्रसिद्ध हुए थे|

इस बगावत के लिए अमरिका में पनाह लेनेवाले एर्दोगन के विरोधी एवं धार्मिक नेता गुलेन जिम्मेदार होने का आरोप तुर्की ने किया था| साथ ही गुलेन को हमारें हवालें करें, यह मांग भी एर्दोगन ने अमरिका के सामने रखी थी| पर, अमरिका ने तुर्की की यह मांग स्वीकारने से इन्कार किया था| इस कारण दोनों देशों के बीच बने संबंधों में तनाव बना था| अमरिका ने गुलेन को पकडकर हमारे विरोध में साजिश की है, यह आरोप भी एर्दोगन ने रखा था|

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