अन्य देशों में लष्करी दखलअंदाज़ी कर रहे तुर्की के चलन की बड़ी गिरावट

turkey-economyइस्तंबूल – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन की विस्तारवादी महत्वाकांक्षा एवं कोरोना के बढ़ते संक्रमण की बड़ी किमत तुर्की की अर्थव्यवस्था को भुगतनी पड़ रही है, यह बात अब सामने आ रही है। इसके साथ ही मंगलवार के दिन तुर्की के लिरा चलन के मूल्य की अमरिकी डॉलर की तुलना में बड़ी गिरावट आई है और इस दौरान प्रति डॉलर लिरा का मूल्य ८.१५ हुआ है। लिरा की अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट साबित हुई है। इसी बीच तुर्की में महंगाई दर ११.७ प्रतिशत तक जा पहुँचा है और यही दर उछलकर १२ प्रतिशत पर जाएगा, यह संकेत दिए गए हैं। तुर्की के विदेशी मुद्रा भंड़ार में भी गिरावट आई है और तुर्की की सेंट्रल बैंक ने ब्याजदरों में बदलाव करने से इन्कार किया है। दो वर्ष पहले तुर्की के लिरा चलन की हुई गिरावट का यूरोपिय देशों को भी झटका लगा था।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन बीते कुछ वर्षों से देश की जनता के सामने लगातार ऑटोमन साम्राज्य का ज़िक्र कर रहे हैं और इसी की तरह देश को दुबारा वही ऐश्वर्य प्रदान करने का सपना दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने तुर्की का रक्षा सामर्थ्य बढ़ाने पर जोर दिया है और फिलहाल तुर्की के बजट का एक चौथाई खर्च सेना पर किए जाने की बात कही जा रही है। तुर्की में हथियारों का उद्योग विकसित करने की ओर भी एर्दोदन अधिक ध्यान दे रहे हैं और वर्तमान समय में इस क्षेत्र का कारोबार ११ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है।

turkey-economyबढ़ रहा रक्षा खर्च एवं हथियारों के उद्योग के कारोबार की ताकत पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष अफ्रिका से सेंट्रल एशियाई देशों तक कई देशों में अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा है। एक इस्रायली वेबसाईट के दावे के अनुसार फिलहाल लगभग १३ देशों में तुर्की ने अपनी सेना एवं रक्षा यंत्रणा तैनात की है। इसमें सीरिया, लीबिया, इराक, कतार, अज़रबैजान जैसे देशों का समावेश है। साथ ही अफ्रिका, यूरोप एवं एशिया के कई देशों में तुर्की की संस्कृति का प्रसार करने के लिए एर्दोगन ने काफी आर्थिक सहायता करना जारी रखा है।

यह करने के साथ ही तुर्की ने अब तक मित्रदेश एवं व्यापारी साझेदार रही अमरीका, रशिया और यूरोपिय देशों को नाराज़ कर रहा है। इस वजह से राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की इस महत्वाकंक्षी हरकतों का असर तुर्की की अर्थव्यवस्था पर पडने की बात स्पष्ट होने लगी है। दो वर्ष पहले तुर्की ने सीरिया और इराक में कुर्द वंशियों पर हमले किए थे। इस हमले के बाद अमरीका ने तुर्की पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। तभी से तुर्की की अर्थव्यवस्था की बड़ी गिरावट होने लगी है और कोरोना की महामारी में इसकी गति तेज़ हुई है।

turkey-economyइस वर्ष में तुर्की के चलन लिरा में २६ प्रतिशत गिरावट आई है। बीते डेढ़ वर्ष में तुर्की की सेंट्रल बैंक को लिरा की जारी गिरावट रोकने के लिए लगभग १३४ अरब डॉलर्स खर्च करने पड़े हैं। इसी बीच तुर्की में कोरोना की दूसरी लहर उठने के संकेत प्राप्त हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय संस्था ने तुर्की की अर्थव्यस्था मायनस तीन प्रतिशत से नीचे जाएगी, यह इशारा दिया है। तभी, ‘एस-४००’ के मुद्दे पर अमरीका ने नए प्रतिबंध लगाने के भी संकेत दिए हैं। यह संकेत सच्चाई में उतरे तो तुर्की की अर्थव्यवस्था बिल्कुल गोते खाने लगेगी, यह दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं।

लेकिन, ऐसी पृष्ठभूमि पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन जनता को आर्थिक स्तर पर राहत देने के बजाय अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए देश को दांव पर लगाने का चित्र लिरा की हुई नई गिरावट से सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.