खाड़ी में शुरू युद्ध के कारण पश्चिमियों का यूक्रेन से ध्यान हटेगा – राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की

किव/वॉशिंग्टन – आतंकी संगठन हमास ने बीते हफ्ते इस्रायल पर हमला करने के बाद इस्रायल और हमास के बीच घनघोर युद्ध हो रहा है। इस युद्ध की तीव्रता प्रति दिन बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का पूरा ध्यान इसी युद्ध पर केंद्रीत हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने यह ड़र व्यक्त किया है कि, पश्चिमी देशों का यूक्रेन से ध्यान हटेगा। यूरोपिय देशों के नेता और अधिकारियों के साथ विश्लेषक भी इस ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इस्रायल-हमास युद्ध के कारण खाड़ी की स्थिति फिर से गंभीर होने की संभावना जताई गई है। इस वजह से अमरिका के साथ यूरोपिय देशों ने अपना ध्यान खाड़ी क्षेत्र की ओर मोड़ दिया है। अधिकांश देशों ने इस्रायल ने हमास के खिलाफ शुरू किए हमलों का समर्थन किया है। अमरिका ने इस्रायल के लिए हथियार भी भेजे हैं और नए रक्षा सहयोग का ऐलान भी किया है। पश्चिमी विश्व के शीर्ष माध्यम भी इस्रायल-हमास युद्ध की खबरों पर ध्यान देते दिख रहे  हैं।

इस वजह से रशिया-यूक्रेन संघर्ष की गतिविधियां अब पीछे छूटती दिखने लगी है। ‘पश्चिमी देश यूक्रेन से अपना ध्यान हटाते दिख रहे हैं। अमरिका जैसे देश आगे के दिनों में यूक्रेन को समर्थन जारी रखेंगे, ऐसी उम्मीद हैं। यदिन यूक्रेन को प्राप्त हो रही सहायता बंद हुई तो समय का पलड़ा रशिया की ओर झुकता दिखाई देगा’, इन शब्दों में यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने अपना ड़र व्यक्त किया।

यूक्रेन ने इससे पहले शुरू किए ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को कामयाबी न मिलने की स्थिति में झेलेन्स्की ने पश्चिमी देशों से पर्याप्त सहायता मिल नहीं रही है, ऐसे दावे किए थे। अब भी यूक्रेन को रशिया विरोधी मोर्चे पर असफलता के अलावा अन्य कुछ भी दिखाना मुमकिन नहीं है और इस वजह से झेलेन्स्की इस्रायल-हमास युद्ध का मुद्दा उठाकर इसके पीछे छुपने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस्रायल-हमास युद्ध पर केंद्रीत होने की बात यूरोपिय नेता एवं विश्लेषक भी कबूल कर रहे हैं। हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिझार्तो ने इस्रायल-हमास युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दायरे को बड़ा झटका देने का दावा किया। कई दिनों बाद पहली बार वैश्विक स्तर के मुद्दों में यूक्रेन का मुद्दा पीछे छूटता दिखने लगा है, ऐसा बयान हंगरी के विदेश मंत्री ने किया है।

ऐसे में पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी देशों में यूक्रेन युद्ध से संबंधित मतभेद तीव्रता से सामने आना शुरू हुआ है। पोलैण्ड ने यूक्रेन की शस्त्र सहायता रोकना, अमेरिकी संसद में यूक्रेन को वित्तीय सहायता देने से संबंधित प्रस्ताव ठुकराया जाना, यूरोपिय देशों में हथियारों का भंड़ार खत्म होने के करीब होने की खबरें लगाकर प्रसिद्ध हो रही हैं। इसके साथ ही पश्चिमी जगत के कई देशों की जनता यूक्रेन युद्ध से तंग हुई हैं, ऐसी जानकारी भी विभिन्न सर्वेक्षणों से सामने आने लगी हैं।

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