तलिबान का नेता अनस हक्कानी ने भारत के विरोध में उगला ज़हर

नई दिल्ली – कश्‍मीर मसले से तालिबान का संबंध नहीं है। हमें भारत से अच्छे संबंध की उम्मीद है, ऐसे दावे करनेवाली तालिबान के नेता का असली चेहरा सामने आया है। तालिबान के हक्कानी नेटवर्क का नेता अनस हक्कानी ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ ज़हर उगला है। दसवीं सदी में सोमनाथ मंदिर को तहस नहस करनेवाले महमूद गज़नवी की कब्र पर जाने के बाद इतिहास याद करके अनस हक्कानी ने अपना भारत द्वेष उजागर किया।

अनस हक्कानीअफ़गानिस्तान में तालिबान की सरकार गठित करने की बातचीत के दौरान हक्कनी नेटवर्क का नेता अनस हक्कानी ने भारत को संदेश दिया था। बीते बीस वर्षों में भारत ने हमारे शत्रुओं की बड़ी सहायता की थी। यह सबकुछ भूलकर हम भारत से सहयोग करने के लिए तैयार हैं, ऐसा बयान अनस हक्कानी ने किया था। इसके साथ ही हमारी संगठन पर पाकिस्तान का प्रभाव नहीं पड़ेगा, यह वादा करके, तालिबान कश्‍मीर में दखलअंदाज़ी नहीं करेगी, यह बयान भी अनस हक्कानी ने किया था। दूसरे देश में हस्तक्षेप करने की तालिबान की नीति नहीं है, ऐसा कहकर हक्कानी ने यह दावे किए थे।

अफ़गानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा आज की सच्चाई है। इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। इसी वजह से तालिबान के साथ बातचीत करने की तैयारी भारत दिखाए, यह सलाह भी कुछ विश्‍लेषकों ने दी थी। अनस हक्कानी ने उस समय दिए हुए आश्‍वासनों की पृष्ठभूमि पर भारत तालिबान के प्रस्ताव को नजराअंदाज नहीं कर सकता, ऐसी चर्चा भी शुरू हुई थी। लेकिन, तालिबान के प्रति भारत की सावधानी उचित ही थी, यह अब स्पष्ट हुआ है। अनस हक्कनी ने द्वेष से भरा ज़हरिला बयान करके इस बात को साबित किया है।

अफ़गानिस्तान में स्थापित हमारी हुकूमत को भारत स्वीकृति प्रदान करे, इसके लिए तालिबान की कोशिशें जारी थीं। भारत पहले की तरह ही अफ़गान जनता को सहायता प्रदान करे, यह आवाहन तालिबान कर रही है। लेकिन, तालिबान ने अब तक आतंकवाद का त्याग नहीं किया है और तालिबान की हुकूमत में आतंकवाद ही अफ़गानिस्तान की राष्ट्रीय नीति रहेगी, यह भी अब स्पष्ट हुआ है। खास तौर पर पाकिस्तान का हस्तक समझा जा रहा हक्कानी नेटवर्क गुट ही वर्तमान में तालिबान में सबसे ताकतवर होने से भारत तालिबान पर भरोसा नहीं कर सकता, यह भी स्पष्ट हुआ है।

इसी बीच, सोशल मीडिया पर अनस हक्कानी का यह द्वेषभरे बयान प्रसिद्ध होने के बाद भारतीय नागरिकों ने इस पर बड़े तीखे प्रत्युत्तर दिए है। घोरी, गज़नवी और तैमूर जैसे भारत पर आक्रमण करनेवाले ड़कैतों ने बसाए गए शहर आज भूखे और कंगाल हो चुके हैं। लेकिन, भारत का सोमनाथ मंदिर बड़े गर्व से खड़ा है, इस ओर भारतीय नागरिकों ने ध्यान दिलाया है।

अनस हक्कानी के उकसानेवाले बयान सामने आने के दौरान ही अफ़गानिस्तान में सिख धर्मियों के प्रार्थना स्थान को नुकसान पहुँचाए जाने की विस्फोटक खबर प्राप्त हुई है। इसकी वजह से तालिबान को भारत से स्वीकृति और सहायता प्राप्त होने की संभावना खत्म हुई है। इसी बीच भारत के साथ सहयोग करने के लिए सच्ची कोशिश करने में जुटा तालिबान का गुट हक्कानी नेटवर्क को विरोध जताने की संभावना भी इससे बढ़ी है।

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