’ब्रिक्स’ की बैठक में भारत ने किया पाकिस्तान का पर्दाफाश

नई दिल्ली – ‘ब्रिक्स’ देशों की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने आतंकवाद से निर्माण खतरा रेखांकित किया। ‘लश्‍कर ए तोयबा’ और ‘जैश ए मोहम्मद’ इन आतंकी संगठनों को एक देश की सहायता प्राप्त हो रही है, ऐसा कहकर डोवल ने नाम लिए बिना पाकिस्तान को लक्ष्य किया। साथ ही आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सहयोग करने का आवाहन भी डोवल ने किया।

ब्रिक्सअफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होते समय यह देश फिर एक बार वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बनेगा, यह ड़र विश्‍वभर में व्यक्त हो रहा है। ऐसा हुआ तो इसके लिए पूरी तरह से पाकिस्तान ही ज़िम्मेदार होगा, यह बात भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रामकता से बयान कर रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अफ़गानिस्तान के मसले पर हुई बैठक में भारत ने यह बात ड़टकर बयान की थी। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त हो रहा है। भारत, चीन, रशिया, ब्राज़िल और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाली ‘ब्रिक्स’ की बैठक में भी भारत ने पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद का मुद्दा पेश किया।

‘ब्रिक्स’ परिषद का आयोजन जल्द ही होगा और इसका मेज़बान भारत होगा। इससे पहले ‘ब्रिक्स’ के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकरों की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सीधे नाम लिए बिना ‘लश्‍कर’ और ‘जैश’ के आतंक के पीछे पाकिस्तान का समर्थन होने पर ध्यान आकर्षित करके डोवल ने पाकिस्तान का पर्दाफाश किया। इसी बीच, सोशल मीडिया पर अजित डोवल ने अफ़गानिस्तान के भविष्य को लेकर २०१३ में किए बयान का वीडियो प्रसिद्ध हुआ है। अफ़गान सेना संगठित नहीं है और यह सेना तालिबान के सामने टिक नहीं सकती, यह निष्कर्ष डोवल ने इस वीडियो में बयान किया था। पाकिस्तानी अफसरों के साथ हमारी बातचीत हुई और उन्होंने ही हमें यह जानकारी प्रदान की, यह बात डोवल ने इस वीडियो में कही थी।

इसका दाखिला देकर डोवल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर होते हुए दर्ज़ किया हुआ यह निष्कर्ष बिल्कुल सच साबित हुआ है, ऐसी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दर्ज़ हो रही है। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद का विश्‍वभर में पर्दाफाश करने की भारत की नीति का काफी बड़ा झटका पाकिस्तान को लग रहा है और इस वजह से इस देश की प्रतिमा धूल में मिली है, यह अफसोस पाकिस्तानी विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही भारत के प्रचार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है और इस वजह से अगले दौर में पाकिस्तान को अधिक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ेगा, ऐसा इन विश्‍लेषकों का कहना है।

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