अफ़गानिस्तान में भारतीय नागरिकों का अपहरण नहीं हुआ है – तालिबान के खुलासे के बाद भारतीय नागरिकों की चिंता दूर

नई दिल्ली – स्वदेश लौटने के लिए काबुल हवाई अड्डे की दिशा में निकले भारतीय नागरिकों का तालिबान ने अपहरण करने की खबर शनिवार की सुबह सामने आयी थी। इस वजह से देशवासियों की चिंता बढ़ रही थी और तभी यह भारतीय नागरिक सुरक्षित होने का वृत्त प्राप्त हुआ है। तालिबान ने भी अफ़गानिस्तान में भारतीय नागरिकों का अपहरण नहीं हुआ है, यह घोषित किया। इसी बीच, भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अफ़गानिस्तान की स्थिति और वहां पर फंसे नागरिकों को बाहर निकालने के मुद्दे पर जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास से बातचीत की।

indians-afghanistan-not-abductedकाबुल हवाई अड्डे की दिशा में निकले भारतीय नागरिकों को तालिबान ने रोक कर उनका अपहरण किया, यह जानकारी अफ़गान पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर साझा की थी। इस वजह से शनिवार की सुबह से ही भारत में चिंता का माहौल बना था। लेकिन, कुछ ही समय में यह सभी भारतीय सुरक्षित होने की बात स्पष्ट हुई। तालिबान ने इन भारतीय नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करके काबुल हवाईअड्डे तक पहुँचाया था। इसके अलावा उन्हें लंच देने की तैयारी भी जताने की बात सामने आयी है। साथ ही तालिबान ने भारतीय नागरिकों का अपहरण ना होने का ऐलान भी तुरंत किया था। यह भारतीय नागरिक जल्द ही स्वदेश पहुँचेंगे, यह भी कहा था। लेकिन, इन भारतीय नागरिकों के साथ अफ़गानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यांक हिंदु और सिख समुदाय के नागरिकों को काबुल हवाई अड्डे से ही वापिस भेजा गया।

आप अफ़गान नागरिक होने से देश छोड़कर जाने की आवश्‍यकता नहीं है, यह कहकर तालिबान ने अफ़गानिस्तान के इन धार्मिक अल्पसंख्यांकों को वापिस भेजा। तालिबान की हुकूमत से खतरा निर्माण होने से अफ़गानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यांक इस देश को छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, अपना उदार चेहरा विश्‍व को दिखाने के लिए तालिबान इन धार्मिक अल्पसंख्यांकों का इस्तेमाल कर रही है, यह बात इस अवसर पर फिर से स्पष्ट हुई है। इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता ने अफ़गानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यांकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था।

अफ़गानिस्तान की स्थिति को लेकर पूरे विश्‍व में चिंता जताई जा रही है और इसी बीच कई देश इस मसले पर एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास से अफ़गानिस्तान के मसले पर बातचीत की। फोन पर हुई इस चर्चा के दौरान अफ़गानिस्तान में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की चुनौती का प्रमुखता से समावेश था। साथ ही तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के दौरान इस देश की नीति में हो रहा बदलाव भी इस बातचीत का अहम मुद्दा बना है, ऐसा कहा जा रहा है।

इससे पहले भारत के विदेशमंत्री ने अफ़गानिस्तान को लेकर अमरीका और ब्रिटेन के विदेशमंत्रियों के साथ बातचीत की थी। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से भी बातचीत की थी।

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