तालिबान ने अफ़गानिस्तान के गुलामी की ज़ंजीरों को तोड़ा – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा

इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान ने गुलामी की ज़ंजीरों को तोड़ दिया है, ऐसा कहकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर किए कब्ज़े का स्वागत किया है। तभी, पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को काबुल की तालिबानी हुकूमत से मिलना ही पड़ेगा, यह दावा किया। इसके लिए पाकिस्तान अहम भूमिका निभाएगा, यह सुझाव रखकर कुरेशी ने अपने देश की अहमियत बढ़ाने की कोशिश की।

गुलामी की ज़ंजीरतालिबान की हुकूमत की वजह से अफ़गानिस्तान अमरीका की गुलामी से मुक्त हुआ है, यह दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया। दूसरे देश की संस्कृति का स्वीकारने से वह देश अपने से अधिक बेहतर होने की बात स्वीकारने जैसा होता है, ऐसा कहकर तालिबान की क्रूर एवं हिंसक हुकूमत ही अफ़गानिस्तान की मूल प्रवृत्ति होने का विचित्र युक्तिवाद इम्रान खान ने किया है। उनके इस दावे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है। पाकिस्तान के बुद्धिमान भी इम्रान खान की तालिबान से जुड़ी भूमिका पर पहले से ही आलोचना करते रहे हैं।

पाकिस्तान के विदेशमंत्री कुरेशी ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब काबुल की तालिबानी हुकूमत से बातचीत करनी पड़ेगी, ऐसा कहकर इस पर संतोष व्यक्त किया। बातचीत के ज़रिये समस्या का हल निकल सकता है, इस पर पाकिस्तान का विश्‍वास है। अगले दिनों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय और तालिबान की हुकूमत की बातचीत में पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकता है, ऐसा कहकर विदेशमंत्री कुरेशी ने अपने देश का एजेंड़ा आगे किया।

पाकिस्तान ने तालिबानी हुकूमत के प्रति अपनाई यह भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना का विषय बनेगी। इस वजह से पाकिस्तान पर प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं, ऐसा इशारा इस देश के कुछ विश्‍लेषकों ने दिया था। अफ़गानिस्तान की गतिविधियों में दखलअंदाज़ी करके पाकिस्तान अपना ही घात कर रहा है, ऐसी चिंता इस देश के उदारतावादी एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़नेवाले कार्यकर्ता व्यक्त कर रहे हैं।

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