….तो हमनें चीन का ‘ताईशान’ परमाणु प्रकल्प बंद किया होता – फ्रेंच कंपनी का इशारा

‘ताईशान’पैरिस/बीजिंग – चीन के दक्षिणी हिस्से के ग्वांगडाँग प्रांत में स्थित ‘ताईशान’ परमाणु प्रकल्प में निर्माण हुई समस्या काफी गंभीर थी। मुमकिन होता तो हमने वह प्रकल्प बंद करने का निर्णय किया होता, ऐसा बयान फ्रेंच कंपनी ‘ईडीएफ’ ने किया है। ‘ताईशान’ परमाणु प्रकल्प से किरणोत्सर्ग होने का ड़र बीते महीने व्यक्त किया गया था। लेकिन, चीनी यंत्रणाओं ने सब कुछ ठीक होने का निवेदन जारी करके इस मामले को दबाने की कोशिश की थी। लेकिन, फ्रेंच कंपनी ‘ईडीएफ’ के बयान की वजह से चीनी हुकूमत की जानकारी छुपाने की नीति फिर से स्पष्ट हुई है।

चीन के दक्षिणी हिस्से के ग्वांगडाँग प्रांत में ‘ताईशान’ परमाणु प्रकल्प का निर्माण किया गया है और इस प्रकल्प में दो परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं। इस प्रकल्प का निर्माण चीन और फ्रान्स ने संयुक्तरूप से किया है। फ्रान्स की ‘फ्रैमएटम’ नामक कंनी ने इस प्रकल्प का प्लैन बनाया है और इसके रखरखाव की ज़िम्मेदारी भी इसी कंपनी के पास है। यह कंपनी विश्‍व की शीर्ष परमाणु ऊर्जा कंपनी फ्रान्स की ‘ईडीएफ’ की उपकंपनी है।

‘ताईशान’बीते महीने ‘फ्रैमएटम’ कंपनी ने अमरिकी यंत्रणा से संपर्क करके परमाणु प्रकल्प में ‘फ्यूजन गैस’ का रिसाव हो रहा है और इससे सुरक्षा का मुद्दा निर्माण हो सकता है, ऐसा इशारा दिया था। इससे संबंधि वृत्त जारी होने के बाद बड़ी सनसनी निर्माण हुई थी। अमरिकी माध्यमों ने इस घटना का क्रम वर्ष १९८६ में चेर्नोबिल में हुए हादसे की तरह होने का दावा किया था। अब इस मुद्दे पर फ्रेंच कंपनी का बयान सामने आने से चीनी प्रकल्प का मुद्दा फिर से उठा है।

‘ताईशान’‘ईडीएफ’ ने अपने निवेदन में चीनी कंपनी को प्रकल्प की सभी गतिविधियों की सही जानकारी प्रदान की थी, ऐसा कहा है। फ्रान्स में ऐसी घटना हुई होती तो हमने प्रकल्प को तुरंत बंद करके इसकी पूरी जाँच कराई होती, यह सलाह भी वर्णित कंपनी ने साझा की थी। चीनी यंत्रणाओं ने इस प्रकल्प को लेकर किसी भी तरह की आशंका निर्माण ना होने देने के लिए कुछ तकनीकी निकषों में यकायक बदलाव किया, यह आरोप भी फ्रेंच कंपनी ने लगाया। निवेदन के अन्त में इस प्रकल्प को लेकर अंतिम निर्णय लेने का पूरा अधिकार चीनी कंपनी के पास था, इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। परमाणु क्षेत्र की एक ज़िम्मेदार कंपनी के तौर पर प्रकल्प बंद करके जाँच करना ही उचित होता, यह इशारा भी ‘ईडीएफ’ ने दिया।

‘ईडीएफ’ जैसी शीर्ष और ज़िम्मेदार कंपनी ने जारी किया हुआ निवेदन और इसमें दिया गया इशारा चीनी हुकूमत की पोल खोलनेवाला साबित हुआ है। प्रकल्प में समस्या निर्माण होने के बावजूद चीन ने सबकुछ ठीक होने का निवेदन करने से ज्यादा संज्ञान नहीं लिया था। अमरिकी माध्यमों ने यह खबर जारी करने के बाद भी चीनी यंत्रणाओं ने फ्रेंच कंपनी पर दबाव ड़ालकर उन्हें ‘परफॉर्मन्स इश्‍यू’ का ज़िक्र करने के लिए मज़बूर किया था। लेकिन, अब फ्रेंच कंपनी ने विस्तृत निवेदन करने की बात चीन को बड़ी मुश्‍किल में ड़ाल सकती है।

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