पुलवामा से भी अधिक भयंकर आतंकी हमले की साजिश सुरक्षा बलों ने की नाक़ाम

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – जम्मू-कश्‍मीर में पुलवामा से भी अधिक भयंकर आतंकी हमला करने की साजिश भारतीय सुरक्षा बलों ने गुरुवार के दिन नाक़ाम की। सीआरपीएफ के ४०० सैनिकों के काफ़िले को लक्ष्य करने की योजना हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने तैयार की थी। इसके लिए विस्फोटकों से भरी गाड़ी ले जानेवाले आतंकियों का सुरक्षा बलों ने थरारक पीछा किया। इस वज़ह से आतंकी पुलवामा के अयानगुंड़ इलाके में बीच रास्ते ही गाड़ी छोड़कर आतंकियों को भाग जाना पड़ा। इस गाड़ी में रखे गए विस्फोटक, पुलवामा के हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की तुलना में बहुत बड़ी मात्रा में थे, यह ज़ानकारी जम्मू-कश्‍मीर पुलिस ने प्रदान की। इस साज़िश में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों की भारतीय सुरक्षा बल कड़ी खोज़ कर रहा है, यह बात भी जम्मू-कश्‍मीर पुलिस ने स्पष्ट की।

हिजबुल के रियाझ नायकू समेत कुल ४० से भी अधिक आतंकी, पिछले दो महीने में जम्मू-कश्‍मीर में की गईं कार्रवाईयों के दौरान ढ़ेर हुए हैं। इस वज़ह से आतंकी संगठन बेचैन और मायूस हुए हैं और किसी भी स्थिति में अपना सामर्थ्य दिखाने की कड़ी कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए हिजबुल, लश्‍कर और जैश जैसे संगठनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया है। यह संगठन बड़ा हमला करने की साज़िश कर रहा है, ऐसी चेतावनी गुप्तचर यंत्रणा ने कुछ दिन पहले ही दी थी।

बुधवार के दिन इस बारे में सुरक्षा बलों को एक ख़बर प्राप्त हुई थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने कई ज़गहों पर नाका बंदी लगाई। इस दौरान सुरक्षा बल और आतंकियों का आमना सामना हुआ। नाका बंदी के दौरान एक संदिग्ध सैन्ट्रो गाड़ी को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने इशारा किया। लेकिन, इस गाड़ी में मौजूद आतंकियों ने गाड़ी को मोड़ कर वहाँ से भागने की कोशिश की। दूसरी जगह की नाका बंदी के स्थान पर सुरक्षा बलों ने हवा में गोलीबारी करके चेतावनी देने के बाद भी, आतंकियों ने वहाँ से भी भागने की कोशिश की। इस दौरान आतंकियों की इस गाड़ी का लगातार पीछा किया जा रहा था। आखिर में अयानगुंड इलाके में अंधेरा होनेवाली ज़गह पर गाड़ी को छोड़कर आतंकी भाग गए। इनकी गाड़ी का पीछा कर रहें सुरक्षाकर्मीयों ने रास्ते में छोड़ी गई गाड़ी की पहचान करके, अगली सहायता प्राप्त होने तक सुबह तक वहीं इंतज़ार किया, यह ज़ानकारी जम्मू-कश्‍मीर पुलिस ने प्रदान की।

इस गाड़ी में बड़ी मात्रा में विस्फोटक भरें थे। यह विस्फोटक नाकाम करते समय बारूद फ़टने का खतरा था। इस वज़ह से सुरक्षित तरीके से इस गाड़ी को भी उड़ाया गया, यह ज़ानकारी भी पुलिस ने साझा की। इस गाड़ी में २५ से ३० किलो विस्फोटक भरें होंगे, यह अंदाज़ा था। लेकिन, धमाके की तीव्रता देखकर इस गाड़ी में कम से कम ४५ विस्फोटक भरें होंगे, यह संभावना ज़ताई जा रही हैं। ये विस्फोटक तैयार करने के लिए आतंकियों ने ‘आयईडी’ तैयार करने के लिए अमोनियम नायट्रेड और आरडीएक्स का इस्तेमाल किया था। इस गाड़ी में विस्फोटक इस तरह से रखें गए थे कि यदि यह गाड़ी सीआरपीएफ के काफ़िले से टकराती, तो पुलवामा से भी कई गुना भयंकर मात्रा में नुकसान हुआ होता, ऐसा कहा जा रहा है।

इस आत्मघाती हमले की साजिश के मामले में तीन लोगों की पहचान हुई हैं। इनमें पाकिस्तानी आतंकी वालीद उर्फ़ इदलीस का समावेश है और वह सुरक्षा बलों की मोस्ट वॉन्टेड सूचि में भी शामिल है। कश्‍मीर घाटी में वर्ष २०१५ से सक्रिय रहा वालिद आयईडी तैयार करने में विशेषज्ञ समझा जाता है। वालिद के साथ ही हिजबुल का अन्य एक पाकिस्तानी कमांडर फौजी भाई भी इस साजिश में शामिल ह और इस मामले में आदिल नाम के अन्य एक आतंकी का भी नाम सामने आ रहा है। इस साजिश में आतंकियों ने इस्तेमाल की गाड़ी पर किसी बाईक का नंबर प्लेट लगाया था। यह बाईक भी बरामद की गई है। अब इस गाड़ी में सफर करनेवाले आतंकियों की सुरक्षा बल कड़ी खोज कर रहे हैं।

इसी बीच, १४ फरवरी, २०१९ के दिन आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफ़िले पर आत्मघाती हमला किया था और इस हमले में ४० सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी अड्डे पर हवाई हमले किए थे और उसके बाद जम्मू-कश्‍मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और तीव्र की गई थी। इस दौरान कश्‍मीर में कार्यरत सभी आतंकी संगठन कमज़ोर हुए हैं और अब ये संगठन अपनी मौजुदगी बरकरार रखने के लिए कड़ी कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने रियाझ नायकू को ढ़ेर करने के बाद, सीमा की उस पार से हिजबुल का प्रमुख सय्यद सलाउदद्दीन ने, इस वक्त दुश्‍मन का पलड़ा भारी है, यह प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी। सलाउद्दीन की यह प्रतिक्रिया, कश्‍मीर में आतंकी संगठनों की क्या स्थिति बनी है इसके स्पष्ट संकेत देती है।

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