पाकिस्तान के लिए कर्ज और इंधन पाने के सौदी अरब के दरवाज़े बंद – पाकिस्तानी सेनाप्रमुख सौदी जाएंगे

इस्लामाबाद – इसके आगे पाकिस्तान को कर्ज नहीं मिलेगा और इंधन की आपूर्ति भी नहीं होगी, यह बात सौदी अरब ने डटकर कही है। पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने कश्‍मीर मसले पर ‘ओआयसी’ की बैठक आयोजित ना करने के मुद्दे पर सौदी अरब को धमकाया था। इसके बाद सौदी अरब ने व्यक्त की हुई प्रतिक्रिया देखें तो दोनों देशों के संबंधों में काफी हद तक तनाव होने की बात स्पष्ट हो रही है। पाकिस्तान के सेनाप्रमुख ने मंगलवार के दिन पाकिस्तान में नियुक्त सौदी अरब के राजदूत नवाफ सईद अल मलकी से भेंट की। लेकिन, इस भेंट से भी उनके हात कुछ भी ना लगने की बात दिखाई दे रही है। इस कारण अब पाकिस्तान के सेनाप्रमुख यह नाराज़गी दूर करने के लिए सौदी जाएंगे, ऐसे समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

Pakistan-Saudiकश्‍मीर मसले पर ‘ऑर्गनायज़ेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज्‌’ (ओआयसी) के विदेशमंत्रियों की बैठक आयोजित करे, यह बात पाकिस्तान फिर एक बार कह रहा है। लेकिन, ऐसा ना होने पर पाकिस्तान इसी मुद्दे पर अपने साथ खड़े इस्लामिक देशों की बैठक आयोजित करने के लिए मज़बूर होगा, यह बयान पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने किया था। साथ ही सौदी अरब की बिनती पर हम कौलालंपूर की परीषद में शामिल नहीं हुए थे, यह याद दिलाकर कश्‍मीर मसले पर सौदी अरब से इतनी उम्मीद रख सकते हैं, यह बयान भी कुरेशी ने किया था। ‘ओआयसी’ के अध्यक्ष सौदी अरब ने कश्‍मीर मसले पर बैठक आयोजित नहीं की तो ‘ओआयसी’ में दरार निर्माण होगी और पाकिस्तान अपनी स्वतंत्र संगठना तैयार करेगा, ऐसी अप्रत्यक्ष धमकी भी उन्होंने दी थी।

पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने धमकाने के बाद सौदी अरब कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ कर रहा है। बीते कई वर्षों से बने इन दोनों देशों के इंधन क्षेत्र के ब्योपारी संबंध भी इसके कारण खतरे में होने की बात सौदी की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होती है। बीते सप्ताह में सौदी अरब ने पाकिस्तान को कर्ज का भुगतान करने के लिए कहा था। इसके बाद पाकिस्तान ने बड़ी कोशिश करके चीन से पैसे लेकर 1 अरब डॉलर्स कर्ज का भुगतान किया था। इसके बाद यह मसला खत्म होगा, इस उम्मीद में पाकिस्तान था। लेकिन, इसके बाद सौदी ने पाकिस्तान को इंधन का उधार देना बंद किया। अब इसके आगे पाकिस्तान को हमसे किसी भी प्रकार का कर्ज प्राप्त नहीं होगा और इंधन की आपूर्ति भी नहीं होगी, यह बात सौदी ने स्पष्ट करने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। पाकिस्तानी माध्यमों में इससे संबंधित खबरें जारी हुई हैं।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति फिलहाल काफी ख़राब है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से तुरंत कर्ज प्राप्त होने की संभावना भी कम ह। बीते पांच महीनों में ‘आयएमएफ’ ने किसी भी देश को कर्ज प्रदान नहीं किया है। ऐसे में सौदी अरब पाकिस्तान को कर्ज का भुगतान करने के लिए कह रहा है। इस वजह से पाकिस्तान बड़ी मुश्‍किलों में फंसा है। कर्ज का भुगतान नहीं किया तो सौदी उनके देश में नौकरी कर रहे हज़ारों पाकिस्तानी नागरिकों को वापिस भेजेगा, यह ड़र पाकिस्तान को सता रहा है और इसकी वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर जो भार निर्माण होगा उससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी ढ़ह जाएगी, यह ड़र भी है। ऐसे में अब सौदी ने इंधन की आपूर्ति भी बंद की है।

इसकी वजह से पाकिस्तान में विदेशमंत्री कुरेशी के खिलाफ़ जोरदार आलोचना हो रही है। हमेशा पाकिस्तान की सहायता करते रहे सौदी अरब दो दुखाकर राजनीतिक और रणनीतिक नज़रिए से बड़ी गलती कुरेशी ने की है, यह आरोप पाकिस्तान में हो रहे हैं। विरोधकों का हल्लाबोल और इसी बीच माध्यमों से हो रहे सवालों से बचने के लिए कुरेशी आगे आने से दूर रह रहे हैं। तीन दिनों में दूसरी बार उन्होंने वार्तापरिषद रद की है।

इससे पहले पाकिस्तान ने तुर्की और मलेशिया के साथ अपना स्वतंत्र गुट तैयार करने की कोशिश की थी। तुर्की के नेतृत्व में बन रहे इस गुट के विरोध में सौदी ने पाकिस्तान के सामने नाराज़गी व्यक्त की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने इस गुट की बैठक में उपस्थित रहना टाल दिया था। इसी बीच मलेशिया में महाथीर की सरकार गई और नई सरकार ने अपने देश की नीति में बदलाव किया। इस वजह से सौदी के प्रभाव को चुनौती देनेवाला यह गुट अपनेआप ही विसर्जित हुआ था।

लेकिन, पाकिस्तान ने यही कोशिश दुबारा करने के संकेत दिए और इसके बाद सौदी अरब काफी गुस्सा हुआ है, यह बात विश्‍लेषक रख रहे हैं। चीन के समर्थन पर सौदी अरब को दुखाने का साहस पाकिस्तान दिखा रहा है, यह बात भी कुछ विश्‍लेषक कह रहे हैं। ईरान और कश्‍मीर के मसले पर सौदी अरब और पाकिस्तान के बीच मतभेद थे। इसी बीच पाकिस्तान का झुकाव तुर्की की ओर बढ़ने से सौदी अरब से ऐसी कड़ी प्रतिक्रिया प्राप्त होने की बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

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