पाकिस्तान के भूतपूर्व सेनाप्रमुख सौदीप्रणित मोरचे के प्रमुख

इस्लामाबाद, दि. ७: पाकिस्तान के भूतपूर्व सेनाप्रमुख जनरल राहील शरीफ, सौदी अरेबिया ने आतंकवाद के खिलाफ़ शुरू किए मोरचे के प्रमुख बन गये हैं| सौदी अरेबिया समेत कुल ३९ देशों से बने इस मोरचे का मुख्य हेतु, अरब-आखाती देशों से ईरान के प्रभाव को नष्ट करना है, ऐसा माना जाता है| साथ ही, येमेन तथा अन्य आखाती देशों में सौदी अरेबिया ने ईरान-समर्थकों के खिलाफ़ खुला युद्ध शुरू किया है| इस संघर्ष में पाकिस्तान को भी शामिल होना चाहिए, ऐसी उम्मीद सौदी ने ज़ाहिर की थी| शुरुआत में इस प्रस्ताव को ठुकरानेवाले पाकिस्तान ने, अब इस मोर्चे में शामिल होने का फ़ैसला किया है, यह बात जनरल राहील शरीफ की नियुक्ति से स्पष्ट हुई है|

Raheel

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा असिफ ने इस ख़बर की पुष्टि की| जनरल शरीफ को इस मोरचे का प्रमुख बनाया गया है, ऐसा असिफ ने कहा| साथ ही, यह फैसला पाकिस्तान सरकार और सेना कि सम्मति के बग़ैर नहीं हुआ है, ऐसा दावा भी पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने किया| लेकिन इसकी अधिक जानकारी अपने पास नहीं है, ऐसा कहते हुए, इसपर कुछ बात करना रक्षामंत्री ने टाल दिया| इराक, सीरिया, लिबिया, इजिप्त और अफगानिस्तान इन देशों में फ़ैले आतंकवाद के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए सौदी ने कुल ३४ देशों का मोरचा तैयार किया था| इसमें पाकिस्तान को भी शामिल किया गया था|

लेकिन पाकिस्तान को इस बारे में इत्तिलाह करने के कष्ट सौदी ने नहीं उठाये थे| इसपर पाकिस्तान से आलोचना हो रही थी| साथ ही, पाकिस्तान की संसद ने सौदी अरेबिया के मोरचे में शामिल न होने का फ़ैसला किया था| लेकिन सौदी की अगुआई में स्थापन किये गये इस मोरचे की सैनिकी मुहिम के प्रमुखपद की कमान जनरल राहील शरीफ के पास आ जाने से ऐसा दिखायी दे रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी ही संसद का फ़ैसला ठुकरा दिया है|

सीरिया, इराक और येमेन इन देशों में बढ़ रहे ईरान के प्रभाव को कम करना, यही सौदी समर्थक देशों के मोरचे का प्रमुख ध्येय माना जाता है| ऐसे मोरचे में शामिल होकर पाकिस्तान ने अपनी निष्पक्षता छोड़ दी है, ऐसा दिखाई दे रहा है| आनेवाले समय में इस मसले पर पाकिस्तान में गंभीर मतभेद हो सकते है| सौदी अरेबिया और ईरान के बीच के सत्तासंघर्ष में पाकिस्तान किसी एक का पक्ष ना लें, ऐसी चेतावनी पाकिस्तानी विशेषज्ञ लगातार अपनी सरकार और सेना को दे रहे थे| यदि ऐसा हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी इन विशेषज्ञों ने दी थी| लेकिन सौदी अरेबिया का पाकिस्तान पर बड़ा प्रभाव होकर, सौदी को दुखाना पाकिस्तान के लिए नामुमक़िन है, ऐसा दावा जानकारों द्वारा किया जा रहा था| उनके द्वारा ज़ाहिर की गयी यह संभावना सच हुई होकर, पाकिस्तान का सौदीप्रणित मोरचे में सैनिकी सहभाग यह स्पष्ट कर रहा है कि निष्पक्ष रहना इस देश के लिए मुमक़िन नहीं है|

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