सौदी से संबंध बिगड़ने के बाद स्थिति को संभालने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कोशिश

इस्लामाबाद – सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान के सेनाप्रमुख कमर बाजवा से भेंट करने से इन्कार करके पाकिस्तान को तमाचा जड़ा है। ऐसे में अब पाकिस्तान और सौदी के संबंध पहले जैसे नहीं रहे हैं। सौदी और अन्य अरब देशों से संबंध बिगड़ना पाकिस्तान के हित में नहीं होगा, यह चेतावनी पाकिस्तानी माध्यम दे रहे हैं। लेकिन, इससे संबंधित सामने आ रही जानकारी झूठ है और पाकिस्तान एवं सौदी के संबंधों में सबकुछ सही होने का बयान करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने स्थिति को संभालने की कोशिश की है।

Saudi-Pakistanपाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में इम्रान खान ने सौदी के साथ बिगड़े संबंधों पर सफाई देने की कोशिश की। पाकिस्तान और सौदी के संबंध अच्छे हैं और सौदी लगातार पाकिस्तान के संपर्क में होने का दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया है। साथ ही दोनों देशों के संबंधों की गलत जानकारी फैलाई जा रही है, यह आरोप करके प्रधानमंत्री खान ने फिर एक बार पाकिस्तानी माध्यमों पर हमला किया है। साथ ही तुर्की, ईरान इन सौदी विरोधी देशों के साथ मोर्चा बनाकर पाकिस्तान इस्लामी देशों में गुटबाज़ी नहीं कर रहा है, यह बयान करके प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अपनी भूमिका का समर्थन किया। कठिन समय में सौदी ने पाकिस्तान की सहायता की। लेकिन, पाकिस्तान का भविष्य चीन के साथ रहने में है और पाकिस्तान इसके आगे भी चीन के साथ जाएगा, यह बात खान ने इस साक्षात्कार में स्पष्ट की। सौदी को लेकर विवादित बयान करनेवाले पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा मेहमूद कुरेशी चीन के दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं।

पाकिस्तानी सेना ने भी सेनाप्रमुख जनरल बाजवा का सौदी दौरा असफल नहीं हुआ है, ऐसा अजब दावा किया है। सेनाप्रमुख का सौदी दौरा पहले से तय था और इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच लष्करी सहयोग के मुद्दे पर चर्चा होने की बात पाकिस्तानी सेना ने कही है। लेकिन, पाकिस्तानी सेना की इस सफाई पर पाकिस्तानी माध्यमों ने सवाल किया है। पहले से तय दौरे की तरह क्या सौदी के क्राउन प्रिन्स ने सेनाप्रमुख से भेंट करने से इन्कार करना भी पहले से ही तय था? ऐसा तीखा सवाल पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं। साथ ही पाकिस्तानी सेना दावा कर रही है उस कथित लष्करी सहयोग के मुद्दे पर सौदी ने कुछ भी घोषित क्यों नहीं किया, यह सवाल भी पाकिस्तानी पत्रकार कर रहे हैं। तभी सौदी के साथ बने तनाव के लिए ज़िम्मेदार बने पाकिस्तान के विदेशमंत्री कुरेशी का इस्तीफा लेने की माँग अब जोर पकड़ रही है।

इसी बीच, पाकिस्तान ने तुर्की और ईरान के साथ बढ़ाई नज़दिकीयां सौदी के साथ बने इस तनाव का एक प्रमुख कारण भी समझा जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में पाकिस्तान ने तुर्की के साथ आर्थिक, व्यापारी एवं लष्करी सहयोग स्थापित करना प्राथमिकता पर रखा है। साथ ही तुर्की की संस्कृति और चरमपंथी विचारधारा अपने देश की जनता अपनाए, यह निवेदन पाकिस्तानी नेता करते रहे हैं। पाकिस्तान का तुर्की के पक्ष में बढ़ा हुआ झुकाव सौदी की नाराज़गी का भी कारण बना है। पाकिस्तान ने सौदी को दुखाया तो इसका असर खाड़ी क्षेत्र के अन्य अरब देशों के साथ बने पाकिस्तान के संबंधों पर भी पड सकता है। अब तक पाकिस्तान को प्राप्त हो रही करोड़ों डॉलर्स की सहायता खंडित हो सकती है। साथ ही इन अरब देशों में काम कर रहे पाकिस्तानी नागरिक स्वदेश लौटने के लिए मज़बूर किए जा सकते हैं, यह एहसास पाकिस्तान स्थित विश्‍लेषक दिला रहे हैं।

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