रशियन संसद की मंजूरी के बाद रशिया द्वारा सीरिया में हवाई हमले

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संयुक्त राष्ट्रसंघ में ‘आयएस’ विरोधी कार्यवाही के लिए पुकार के बाद, रशिया ने सीरिया में ’आयएस’ के अड्डों पर हवाई हमले शुरु किए। तथा अब हवाई हमलों द्वारा रशिया सीरिया की अस्साद सरकार को ’आयएस’ के विरोध में कार्यवाही हेतु सहायता करेगा। मगर रशियन लष्कर सीरिया के संघर्ष में शामिल नहीं होगा, ऐसी घोषणा भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने की है।

सीरिया स्थित ’आयएस’ विरोधी अग्रणी हेतु पाश्चिमात्य देशों का समर्थन पाने में रशियन राष्ट्राध्यक्ष को संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में कामयाबी हासिल हुई। सीरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद को ’आयएस’ विरोधी अग्रणी में शामिल करने की बात पर अमेरिका और रशिया में मतभेद कायम हैं। फिर भी बुधवार  सुबह को रशियन संसद ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के सीरिया विषयक प्रस्ताव को मंजुरी दे दी। रशियन संसद ने स्पष्ट किया कि, रशिया की सीरिया में ’आतंकवादविरोधी’ कार्यवाही सीमित रहेगी। संसद ने यह भी कहा कि, रशिया इस संघर्ष में उलझेगा नहीं।

इसके पश्चात कुछ ही घंटों में रशिया के लडाकू विमानों ने सीरिया के होम्स शहर पर हमले किए। अमेरीकी अधिकारियों द्वारा ’सीएनएन’ चैनल को दी गई जानकारी में कहा गया कि, रशिया द्वारा सीरिया पर इन हवाई हमलों की जानकारी अमेरीका को तो दी थी, मगर इसका ब्योरा नहीं दिया था। तो ‘फॉक्स’ नामक अमेरीकी समाचार चैनल ने कहा, हवाई हमलों से कुछ मिनटों पूर्व रशिया ने अमेरीका के लडाकू विमानों को सीरिया से दूर रहने की सलाह दी थी।

होम्स शहर पर हवाई हमलों के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस कार्यवाही की जानकारी दी कि, सीरिया के अस्साद सरकार को ’आयएस’ विरोधी संघर्ष में केवल सहायता हेतु रशिया  हवाई हमलों का इस्तेमाल कर रहा है, तथा रशिया के यह हमले कुछ ही समय के लिए होंगे। रशियन लडाकू विमान पूर्वनियोजित हवाई हमले करेंगे, मगर इस कार्यवाही में रशियन लष्कर शामिल नहीं होगा, ऐसा भी पुतिन ने स्पष्ट किया।

इस दौरान सीरिया में रशिया के इन हवाई हमलों के प्रति अमेरीकी लष्कर अधिकारी संदेह व्यक्त कर रहे हैं। रशियन लडाकू विमानों के हमले ’आयएस’ के आतंकवादियों पर केंद्रित न होने की जानकारी एक अमेरीकी अधिकारी ने अंतरराष्ट्रिय समाचार एजेंसी ने दी। बुधवार को दिनभर रशियन लडाकू विमान सीरिया के विभिन्न स्थानों पर हवाई हमले कर रहे थे। इन में ’आयएस’ के अड्डों के साथ ही सीरियन आतंकवादियों को भी रशियन विमानों ने निशाना बनाया। अमेरीकी तथा अरब देशों से संबंध बनाए रखनेवाले सीरियन आतंकवादी रशियन विमानों के निशाने पर थे, ऐसी टिप्पणी अमेरीकी अधिकारियों ने की। इन में अस्साद सरकार तथा ’आयएस’ विरोधी संघर्ष में अग्रणी ‘जैश अल-फताह’ नामक संघटना का समावेश है, ऐसा अमेरीकी अधिकारी का कहना है। रशियन लडाकू विमानों द्वारा ’आयएस’ के आतंकवादियों के साथ साथ अगर सीरियन आतंकवादियों को भी निशाना बनाया जा रहा होगा तो अमेरीका तथा उसके खाडी के मित्रदेशों द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया की संभावना है। अमेरीका ने पहले ही स्पष्ट किया है कि, सीरीयन आतंकवादियों को अमेरीका ने ही शस्त्रास्त्र तथा प्रशिक्षन दिया। यह सहायता ’आयएस’ से लडने हेतु दी जाने की बात अमेरीका ने कही थी। परंतु सीरीयन राष्टाध्यक्ष अस्साद तथा रशिया का कहना है कि अमेरीका का यह हेतु पूरी तरह से नाकामयाब रहा। राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने दावा किया था कि, ’आयएस’ के विरोध में केवल सीरियन लष्कर लड रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ’आयएस’ विरोधी रशिया के हवाई हमलों के बारे में अमेरीका कौनसी भूमिका अपनाती है, इस बात पर विशेषज्ञों का ध्यान लगा हुआ है।

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