सीरिया पर हुए हमले को रशिया कडा जवाब देने के तैयारी में – सीरिया के सागरी क्षेत्र में ब्रिटन की पनडुब्बी रशियन नौसेना के रडार पर

रशिया, कडा जवाब, सीरिया, सागरी क्षेत्र, पनडुब्बी, नौसेना के रडार, ब्रिटन, व्लादिमिर पुतिनलंदन: अमरिका, फ़्रांस और ब्रिटन ने सीरिया पर किए हमलों के गंभीर परिणाम होंगे। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दिए इस इशारे के परिणाम दिखाई दे रहे हैं। सीरिया के समुद्री क्षेत्र के पास स्थित ब्रिटन की पनडुब्बी और रशिया की दो पनडुब्बियों में ‘चूहे-बिल्ली का खेल’ होने की जानकारी सामने आई है। इसमें से रशिया के आक्रामक दांवपेंच दुनिया के सामने आए हैं और आने वाले समय में रशिया इससे भी अधिक आक्रामक कार्रवाई करके सीरिया पर हुए हमलों को प्रत्युत्तर देगा, ऐसा जानकार कहने लगे हैं।

रशिया, कडा जवाब, सीरिया, सागरी क्षेत्र, पनडुब्बी, नौसेना के रडार, ब्रिटन, व्लादिमिर पुतिनसीरिया पर हुए हमले को प्रतिक्रिया मिलेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अमरिका, फ़्रांस और ब्रिटन को इशारा दिया था। इस हमले के बाद रशियन राजनीतिक अधिकारियों ने भी कठोर भाषा का इस्तेमाल करके अपने देश की भूमिका प्रखर शब्दों में रखी थी। पहले सीरियन जनता पर ‘अरब स्प्रिंग’ लादा गया, उसके बाद इस देश को ‘आईएस’ के संकट में धकेल दिया गया। अब इस देश पर अमरिका के स्मार्ट रॉकेट्स गिर रहे हैं, ऐसी टीका रशियन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिआ झकारोआ ने की है। अमरिका में स्थित रशियन राजदूत अँतोली अँतोनोव्ह ने रासायनिक हथियारों के सर्वाधिक भंडार वाले अमरिका को सीरिया पर हमला करने का अधिकार नहीं है ऐसा दावा किया है।

रशिया, कडा जवाब, सीरिया, सागरी क्षेत्र, पनडुब्बी, नौसेना के रडार, ब्रिटन, व्लादिमिर पुतिनरशियन राजनीतिक अधिकारी और लष्करी अधिकारी भी अमरिका और पश्चिमी देशों को सबक सिखाने की भाषा खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में सीरिया के समुद्री क्षेत्र के पास रशिया की इस आक्रामक नीति का असर दिखाई दे रहा है। इस समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने वाली ब्रिटन के नौसेना की पनडुब्बी रशियन पनडुब्बियों के रडार पर आई है। ब्रिटन ने सीरिया पर मिसाइल दागे हैं, लेकिन इस पनडुब्बी ने इन हमलों में हिस्सा न लेने का दावा किया जाता है। लेकिन यह पनडुब्बी रशियन पनडुब्बियों के रडार पर आने के बाद उन्होंने ब्रिटन की इस पनडुब्बी के साथ चूहे-बिल्ली का खेल शुरू किया, ऐसी जानकारी पश्चिमी अख़बारों ने दी है।

रशिया की यह पनडुब्बियां किलो क्लास की थीं। रशियन नौसेना की इन पनडुब्बियों की मारक क्षमता बहुत बड़ी है, ऐसा कहा जाता है। इसी कारण ब्रिटन की इस पनडुब्बी पर बहुत बड़ा संकट आया था। इस बार रशियन पनडुब्बियों ने सीधा हमला नहीं किया है, लेकिन ब्रिटन की यह पनडुब्बी अपने रडार पर आने की और यह पनडुब्बी अपना लक्ष्य साबित हो सकती है, ऐसा एहसास रशियन पनडुब्बियों ने कराके दिया। अगर रशियन पनडुब्बियों ने ब्रिटन की इस पनडुब्बी को लक्ष्य बनाया होता, तो उसमें से तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी भड़क सकती थी, ऐसी चिंता ब्रिटन के अख़बारों व्यक्त कर रहे हैं।

आने वाले समय में अमरिका और मित्र देशों ने सीरिया पर किए हमलों को बर्दाश्त न करते हुए, रशिया उसपर उतना ही जबरदस्त जवाब देगा, ऐसा इशारा पश्चिमी देशों की मीडिया दे रही है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष, लष्करी अधिकारी और राजनीतिक अधिकारियों के विधानों को देखा जाए तो, रशिया ने प्रत्युत्तर की योजना तैयार रखी है, इसके स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं, ऐसा जानकारों का कहना है।

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