अमरीका में एशियाई-अमरिकी नागरिकों पर हुए हमलों के खिलाफ प्रदर्शन

asian-americanवॉशिंग्टन – अमरीका के अटलांटा शहर में बीते हफ्ते हुई हिंसा के दौरान छह एशियाई-अमरिकी महिलाओं की हत्या की गई। इस घटना की वजह से अमरीका में स्थित एशियाई वंश के नागरिकों के मन में ड़र और असंतोष है और शनिवार के दिन हुए प्रदर्शनों के दौरान इसकी गूँज सुनाई दी। अमरीका के कई शहरों में हज़ारों की संख्या में सड़कों पर उतरे एशियाई वंश के नागरिकों ने इस दौरान ‘स्टॉप एशियन हेट’ के नारे लगाए। कुछ दिन पहले ही अमरीका के एक सर्वे में चीन ही अमरीका का सबसे बड़ा शत्रु होने का मत अमरिकी जनता ने दर्ज़ करने की बात सामने आयी थी।

asian-americanबीते वर्ष चीन से शुरू हुई कोरोना की महामारी का सबसे बड़ा झटका अमरीका को लगा है। यह महामारी चीन से फैलने की बात स्पष्ट होने के बाद अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका ज़िक्र ‘चायना वायरस’ के तौर पर किया था। इसके साथ ही विभिन्न स्तरों पर चीन के विरोध में आक्रामक मोर्चे भी निकाले गए थे। इस वजह से अमरिकी जनता के मन में चीन के खिलाफ तीव्र नाराज़गी की भावना है और एशियाई वंश के नागरिकों पर हो रहे हमले और उनका उत्पीड़न होने की घटनाओं की यही पृष्ठभूमि होने की बात कही जाती है।

asian-americanमंगलवार १६ मार्च के दिन अटलांटा शहर में हुए हमले के पीछे भी यही कारण होने का दावा कुछ लोगों ने किया है। इस हमले में रॉबर्ट लाँग नामक २१ वर्ष के गौरवर्णीय युवक ने आठ लोगों की हत्या की थी। आठ में से छह व्यक्ति एशियाई वंश की महिलाएं हैं। छह में से चार महिलाएं दक्षिण कोरिया की होने की बात कही जा रही है। इनकी हत्या के बाद एशियाई वंश के नागरिकों के मन में ड़र का माहौल है और स्थानीय यंत्रणा हमारे खिलाफ हुई वांशिक द्वेष की घटनाओं का संज्ञान नहीं ले रही है, यह दावा किया जा रहा है।

एशियाई वंश के नागरिकों पर बीते वर्ष से हमले होने की लगभग ३,८०० घटनाएँ दर्ज़ हुई हैं। इनमें से ६८ प्रतिशत asian-americanघटनाएँ महिला विरोधी होने की बात सामने आयी है। अटलांटा में हुई हत्याओं के बाद सैनफ्रान्सिस्को में एक ७५ वर्ष की एशियाई महिला पर भी हमले की कोशिश हुई थी।

इस पृष्ठभूमि पर शनिवार के दिन अटलांटा के साथ अमरीका के अलग अलग शहरों में हुए प्रदर्शन ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित होते है। अमरीका में एशियाई वंश के नागिरकों की मात्रा काफी ज्यादा है और परंपरागत नज़रिये से वह डेमोक्रैट पार्टी के समर्थक समझे जा रहे हैं। फिलहाल राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के नेतृत्व में डेमोक्रैट पार्टी की सरकार होने के बावजूद एशियाई वंशी नागरिकों पर बढ़ते हमले और इस ओर हो रही अनदेखी बायडेन प्रशासन की नाकामी की बात मानी जा रही है।

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