अमरीका की राजधानी में हुई हिंसा पर प्रमुख देशों ने लिया गंभीरता से संज्ञान

वॉशिंग्टन – अमरीका की राजधानी में हुए प्रदर्शनों की गूँज विश्‍वभर में सुनाई दे रही है। विश्‍व के प्रमुख देशों के नेताओं ने इस हिंसा की घटना पर खेद व्यक्त किया है और अमरीका में शांति के माहौल में सत्ता परिवर्तन हो, यह उम्मीद भी व्यक्त की है। साथ ही चीन जैसी तानाशाही हुकूमत ने हाँगकाँग में जारी प्रदर्शनों का संबंध अमरीका में हो रहे प्रदर्शनों से जोड़ने की कोशिश की है। लेकिन, हाँगकाँग के प्रदर्शन जनतंत्र की माँग के लिए हो रहे हैं, इस ओर ध्यान आकर्षित करके अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने चीन का दावा हास्यकारक होने की आलोचना की है।

USAभारत के प्रधानमंत्री ने इस पर यह बयान किया है कि, अमरीका की राजधानी में हो रही हिंसा बेचैन करनेवाली है। ‘जनतंत्र की प्रक्रिया ऐसी अवैध हरकतों से बंधक नहीं बनाई जा सकती। अमरीका में जल्द ही शांति के साथ सत्ता का हस्तांतरण होगा’, यह उम्मीद भी भारत के प्रधानमंत्री ने व्यक्त की है। ‘अमरीका में हुई घटना अशोभनीय, खेदजनक है। जनतंत्र के आधारस्तंभ के तौर पर विश्‍वभर में पहचानी जानेवाली अमरीका में सत्ता का हस्तांतरण शांति से होना काफी अहमियत रखता है’, ऐसा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने कहा है। तभी ब्रिटेन के विदेशमंत्री डॉमनिक राब ने वॉशिंग्टन में हुई हिंसा का किसी भी तरह से समर्थन करना मुमकिन नहीं है, ऐसा इशारा दिया है।

‘जनतंत्र पर सवाल उपस्थित करके हिंसा करनेवाले कुछ लोगों के सामने हम सर नहीं झुकाएंगे। हम जनतंत्र में विश्वास रखते हैं। वॉशिंग्टन में जो कुछ हुआ उसे ‘अमरिकन’ करना मुमकिन नहीं है’, ऐसे सटीक शब्दों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने अपनी भूमिका रखी। संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस ने अमरीका की राजधानी में हुई हिंसा से हम व्यथित हैं, ऐसा कहा। जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल ने भी अमरीका में हुई घटना से हम दुखी हुए हैं, यह बयान करके हम इस घटना से क्रोधित हुए हैं, ऐसा बयान इस हिंसा पर जारी प्रतिक्रिया में किया है।

USAजर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने अमरीका में हुई हिंसा पर बयान करते समय इससे जनतंत्र के शत्रु यकीनन खुश हुए होंगे, ऐसे तीखे शब्दों में अपनी भूमिका रखी। इस हिंसा का निषेध करके नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने यह आवाहन किया है कि, अमरीका के चुनावी नतीज़ों का सभी सम्मान करें। इसी बीच वॉशिंग्टन डीसी में हुई हिंसा पर चीन ने अधिकृत स्तर पर जारी की हुई प्रतिक्रिया माध्यमों की चर्चा का विषय बनी है।

अमरीका में हुए प्रदर्शनों से भी अधिक तीव्र प्रदर्शन हाँगकाँग में हुए थे। लेकिन, इनमें एक की भी मौत नहीं हुई थी, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है। इसके ज़रिये हाँगकाँग में प्रदर्शनकारियों पर चीन समर्थक प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं करती है, ऐसे संकेत हुआ चुनयिंग दे रही हैं। लेकिन, उनके इस बयान पर माध्यमों ने आलोचना की है। अमरीका में हुए प्रदर्शन और हाँगकाँग में जनतांत्रिक अधिकार प्राप्त करने के लिए हो रहे प्रदर्शनों का संबंध जोड़ा नहीं जा सकता। हाँगकाँग में जनतंत्र के समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसा इशारा भी माध्यमों ने दिया है।

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