तिब्बतियों ने अमरीका में किए चीन के ख़िलाफ प्रदर्शन

न्यूयॉर्क – दो सप्ताह पहले लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के करीब हुए संघर्ष में ‘स्पेशल फ्रंटिअर्स फोर्स’ (एसएफएफ) के कमांडो निमा तेंज़िन ने किए बलिदान ने विश्‍वभर में मौजूद तिब्बती जनता चीन के खिलाफ़ कर रहे प्रदर्शनों को नई ताकत प्राप्त हो रही है। अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में तिब्बती जनता ने किए प्रदर्शनों में चीन के खिलाफ़ नारेबाज़ी की। साथ ही चीन के खिलाफ़ लड़ रहे ‘एसएफएफ’ के सैनिकों के समर्थन में नारे देकर ‘जय तिब्बत देश’ का नारा भी इन प्रदर्शनकारियों ने दिया। इसके साथ ही इन तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने इस संघर्ष में हम सदैव भारत के साथ हैं, यह बात कही।

Tibetian-protest-chinaशहीद कमांडो निमा तेंज़िन ने किए बलिदान के समर्थन में चीन ने भारत की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के करीब जारी कार्रवाई के विरोध में तिब्बती नागरिकों ने अमरीका में हाल ही में प्रदर्शन किए। न्यूयॉर्क शहर में ‘लिटील इंडिया’ के तौर पर प्रसिद्ध हुए ‘जैकसन हाईटस्‌’ के इलाके में तिब्बतियों ने इन प्रदर्शनों का आयोजन किया था। इस दौरान तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने चीन के खिलाफ़ नारेबाज़ी की। साथ ही भारतीय सेना एवं ‘एसएफएफ’ के कमांडो दल के लिए प्रार्थना की। इन प्रदर्शनों में ‘एसएफएफ’ के पूर्व कमांडोज्‌ भी शामिल थे। इस दौरान एक तिब्बती सैनिक ने अनुमति प्राप्त हुई तो दुबारा सीमा पर जाकर लड़ने का इरादा व्यक्त किया।

‘चीन के खिलाफ़ जारी इस संघर्ष में तिब्बती जनता हमेशा भारत के साथ है’ यह कहकर यह संघर्ष भारत चीन की सीमा के करीब नहीं बल्कि भारत-तिब्बत सीमा के करीब शुरू है, यह सच्चाई इस पूर्व सैनिक ने स्पष्ट की। इस दौरान तिब्बत की स्वतंत्रता और ‘जय तिब्बत देश’ के नारे दिए गए। बीते कुछ दिनों से अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन समेत यूरोपिय देश एवं ऑस्ट्रेलिया, जापान में अनिवासी भारतीय चीन के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं और इसमें तिब्बती जनता का समावेश ही ध्यान केंद्रीत करने की तादाद में बढ़ रहा है। साथ ही ‘जय तिब्बत देश’ का नारा भी अधिकाधिक जोर पकड़ने लगा है।

अगस्त २९-३० की रात भारतीय सेना के ‘एसएफएफ’ के दल ने लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर स्थित ‘ब्लैकटॉप’ और ‘हेल्मेट टॉप’ पर कब्ज़ा करने का शौर्य दिखाया। इस दौरान ‘एसएफएफ’ के कमांडो निमा तेंज़िन बारुदी सुरंग के विस्फोट में शहीद हुए। शहीद कमांडो तेंज़िन की आखिरी बिदाई के दौरान तिब्बती जनता ने चीन के खिलाफ़ तीव्र असंतोष व्यक्त किया था। इसकी गूँज अब विश्‍वभर में सुनाई देने लगी है।

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