यूरोप में प्रवेश कर रहे अफ्रिकी शरणार्थियों की समस्या गंभीर हो जाएगी – संयुक्त राष्ट्रसंघ का इशारा

europe-africa-migrantsलंदन – यूरोप में प्रवेश करने के लिए जान की भी परवाह ना कर रहे शरणार्थियों की संख्या काफी बढ़ रही है। अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में जारी हिंसा और अराजकता के कारण यूरोप में प्रवेश करने की मंशा रखनेवाले शरणार्थियों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ रही है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ के शरणार्थियों से संबंधित विभाग की प्रवक्ता कार्लोटा समी ने दी है। इस वर्ष यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश में ४५३ लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस दौरान अवैध मार्ग से इटली में घुसपैठ करनेवाले शरणार्थियों की संख्या इस वर्ष तिगुनी हुई है। इस वजह से अगले दिनों में यूरोप को इन शरणार्थियों की गंभीर समस्या सताएगी, यह स्पष्ट हो रहा है।

माली, नायजर, चाड़, बुर्किना फासो और उत्तरी नाइजीरिया जैसे अफ्रीका के साहेल क्षेत्र का हिस्से वाले इन देशों में देश की सरकार और आतंकियों के बीच तीव्र संघर्ष जारी है। इसी बीच इन आतंकी संगठनों ने स्थानीय स्तर पर वांशिक गुटों में जारी बैर का अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करने की तकनीक विकसित की गई है। इस वजह से स्थिति अधिक ड़रावनी हो रही है। ऐसी हिंसा, अराजकता और भूखमरी से बेहाल हज़ारों लोग अफ्रीका के उत्तरी तट से शरणार्थी बनकर यूरोप की दिशा में बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में तस्कर भी लाभ उठा रहे हैं और शरणार्थियों से भरे जहाज़ लीबिया के रास्ते यूरोप के तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं।

europe-africa-migrantsऐसे जहाज़ पलटने से यूरोप पहुँचने निकले शरणार्थियों की जानें जाने के कई दिल दहलानेवाले मामले सामने आए हैं। इस वर्ष ४५३ लोगों ने इसी कोशिश में अपने जान गंवाई है। जान का खतरा उठाकर भी हम यूरोप जाने के लिए तैयार हैं, ऐसा बयान अफ्रिकी शरणार्थी माध्यमों के सामने कर रहे हैं। क्योंकि, अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में आतंकी संगठन और इन देशों के सरकारों के बीच जारी तीव्र संघर्ष एवं वांशिक गुटों की जारी हिंसा से वहां की स्थिति काफी बिगाड़ी है। इस वजह से सुरक्षा और भूख की समस्या का हल निकालने के लिए यह शरणार्थी अपने परिवार की जान की परवाह किए बगैर यूरोप में प्रवेश करने की कड़ी कोशिश कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के शरणार्थी विषयक विभाग की प्रवक्ता कार्लोटा समी ने इस मुद्दे पर गंभीर चेतावनी जारी की है और अगले दिनों में यह समस्या अधिक बढ़ेगी, ऐसा इशारा भी दिया है। बीते वर्ष इन्हीं दिनों इटली में अवैध पद्धति से प्रवेश कर रहे शरणार्थियों की संख्या ३,४५१ थी। लेकिन, इस वर्ष घुसपैठी शरणार्थियों की संख्या नौं हज़ार से भी ज्यादा है। europe-africa-migrantsयह बात शरणार्थियों की चुनौती अधिक गंभीर बनेगी, यही दिखा रही है। यूरोप पहुँचना है या मौत को स्विकार करना है, यह तय करके ही सफर करने निकले शरणार्थियों को रोकना यूरोपिय देशों के लिए अधिक से अधिक कठिन होगा। इस वजह से शरणार्थियों की इस समस्या का हल निकालने के लिए यूरोपिय देशों को अधिक व्यापक स्तर पर कोशिश करनी होगी, इस बात का अहसास विश्‍लेषक दिला रहे हैं।

इसी बीच यूरोपिय देशों के दक्षिणपंथी विचाराधार के गुट के राष्ट्रवादी नेता शरणार्थियों की बढ़ती संख्या यूरोपिय देशों की असली पहचान मिटा देगी, यह चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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