पाकिस्तान में भारत की दखलअँदाज़ी को रोको : संयुक्त राष्ट्र के पास पाकिस्तान की गुहार

इस्लामाबाद, दि. ७: ‘पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखलअँदाज़ी करने से भारत को रोको, ऐसा आवाहन पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को किया है| भारत द्वारा पाकिस्तान को अस्थिर बनाने की कोशिशें की जा रही हैं, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान ने लगाया है| ‘संयुक्त राष्ट्र स्थित पाकिस्तान की प्रतिनिधी मलिहा लोधी ने, संयुक्त राष्ट्र के नये महासचिव एन्टोनियो गुटेरज से मुलाक़ात की और भारत की तथाकथित दख़लअँदाज़ी के सबूत पेश किये हैं’ ऐसी जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दी|

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बलुचिस्तान, फाटा और कराची में हुए आतंकी हमलों के पीछे भारत की खुफ़िया एजन्सी ‘रॉ’ है’ ऐसे इल्ज़ाम लगाते हुए उनके सबुत लोधी ने महासचिव गुटेरेज को दिए| साथ ही, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ के सलाहकार सरताज अझिज का एक खत भी सबूतों के साथ लोधी ने महासचिव को दिया| ‘पाकिस्तान में अस्थिरता निर्माण करने के लिए भारत कोशिशें कर रहा है, यह बात इन सबुतों से सिद्ध होती है’ ऐसा अझिज ने एस खत में कहा है| इसपर ग़ौर करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भारत को रोकना चाहिए, ऐसी माँग अझिज ने इस खत के माध्यम से की है|

सन २०१५ के अक्तूबर महीने से, पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ़ दिये गए सबूतों का यह चौथा ‘डॉसियर’ है| लेकिन पाकिस्तान की इन कोशिशों को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है| सरताझ अझिज ने भी, पाकिस्तानी संसद की समिति के सामने जानकारी देते समय, भारत पाकिस्तान में कार्रवाई कर रहा है इसके पुख्ता सबुत नहीं है, इस बात को मान लिया था|

पाकिस्तानी एजन्सियों ने गिरफ़्तार किये ‘कुलभूषण जाधव’ के खिलाफ भी पाकिस्तान के पास पुख्ता सबुत नहीं है, इस बात को भी अझिज ने क़बूल किया था| लेकिन ‘संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने रखे सबूत पुख्ता हैं’ ऐसा दावा पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय की ओर से किया जा रहा है| मग़र इस संदर्भ में पाकिस्तान की मीडिया पुछ रही सवालों पर अभी भी संतोषजनक जवाब नहीं मिले हैं|

‘यदि भारत के खिलाफ़ पाकिस्तानी एजन्सियों के पास पुख्ता सबूत हैं, तो ये सबूत मीडिया के सामने पेश क्यो नहीं किए जा रहे हैं’, ऐसा सवाल पाकिस्तान के पत्रकारों द्वारा पूछा जा रहा है| साथ ही, ‘एक बार ‘पुख्ता सबुत नहीं हैं’ इस बात को मानने के बाद, संयुक्त राष्ट्र में जाकर उन्हीं सबूतों के आधार पर भारत के खिलाफ़ शिक़ायत करना यह कितनी समझदारी की बात है?’ यह प्रश्न भी पाकिस्तानी पत्रकारों द्वारा पूछा जा रहा है| फिलहाल इस सवाल का जवाब देने के बजाय, ‘मसूद अझहर’ जैसे आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए भारत ने शुरू की हुई आक्रमक मुहिम का जवाब देना पाकिस्तान को ज़्यादा ज़रूरी लग रहा है| इसलिए पाकिस्तान ‘भारत के खिलाफ सबूत हैं’ ऐसा चित्र निर्माण करने की कोशिश करते हुए खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है|

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