रशिया की आक्रमकता के प्रत्युत्तर में यूरोप के ‘नॉर्डिक’ देशों ने बनाई लड़ाकू विमानों का संयुक्त बेड़ा बनाने की योजना

कोपनहेगन/आस्लो – यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रशिया की बढ़ती आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए यूरोप के ‘नॉर्डिक’ देशों ने एकत्रित होने का निर्णय किया है। इसके अनुसार स्वीडन, फिनलैण्ड, नॉर्वे और डेन्मार्क के लड़ाकू विमानों का एक ही ‘बेड़ा’ (फ्लीट) बनाया जाएगा। इस बेड़े में चार देशों के कुल ढ़ाई सौ लड़ाकू विमान होंगे, ऐसी जानकारी डेन्मार्क के अधिकारी ने साझा की।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और नाटो ने यूरोपिय देशों में सैन्य तैनाती और रक्षा क्षमता बढ़ाने की कोशिश शुरू की हैं। इसके लिए फिनलैण्ड और स्वीडन इन दो देशों को नाटो की सदस्यता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके बाद इन देशों में नाटो के सैन्य अड्डे स्थापीत करने के संकेत भी दिए गए हैं। दूसरी ओर नाटो की सदस्यता प्राप्त यूरोपिय देशों ने इन देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं।

डेन्मार्क और नॉर्वे यह दोनों देश नाटो के सदस्य हैं। साथ ही यह देश यूरोप के ‘नॉर्डिक’ देश के तौर पर जाने जा रहे गुट का भी हिस्सा हैं। इस पृष्ठभूमि पर डेन्मार्क और नॉर्वे ने फिनलैण्ड एवं स्वीडन के साथ रक्षाबलों का समन्वय बढ़ाने के लिए हवाई सुरक्षा क्षेत्र में एकत्रित होने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार ‘युनिफाईड नॉर्डिक एअर डिफेन्स’ स्थापित की जाएगी। इस संयुक्त वायु सेना के बेड़े में चार देशों के लगभग २५० लड़ाकू विमानों का समावेश रहेगा, यह जानकारी संबंधित अधिकारी ने प्रदान की।

नॉर्डिक देशों का ‘युनिफाईड नॉर्डिक एअर डिफेन्स’ यूरोप में सबसे बड़े वायु सेना के तौर पर कार्यान्वित होगा, ऐसी गवाही डेन्मार्क के अधिकारी ने दी। इस वायु सेना के बेड़े में ‘ग्रिपेन’, ‘एफ-१६’, ‘एफ/ए-१८ हॉर्नेट’, ‘एफ-३५’ जैसें लड़ाकू विमानों का समावेश होगा, ऐसा कहा जा रहा है। ‘युनिफाईड नॉर्डिक एअर डिफेन्स में इंटिग्रेटेड कमांड ॲण्ड कंट्रोल ऑपरेशनल प्लैनिंग, फ्लेक्झिबल डिप्लॉईमेंट, जॉईंट सर्विलेन्स ॲण्ड ट्रेनिंग का प्रावधान होने की जानकारी भी सामने आयी हैं।

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