पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ़ सिंध की जनता ने अमरीका में किए प्रदर्शन

Pakistan-Sindh-Protestवॉशिंग्टन – पाकिस्तान के सिंधी, बलोच और पश्‍तून नागरिकों के अधिकारों की माँग के लिए विश्‍वभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और अमरीका में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर भी यह प्रदर्शन हुए हैं। पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर सिंधी फाउंडेशन नामक अमरीका के गुट ने पाकिस्तानी राजदूत के निवास स्थान के बार जोरदार प्रदर्शन किए। पाकिस्तानी सुरक्षा बल सिंधी जनता पर बड़े अत्याचार कर रहा है, यह आरोप इन प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान किया। इन प्रदर्शनों में शामिल हुए बलोच नागरिकों ने इसी बीच आज़ाद बलोचिस्तान के नारे लगाए।

पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सिंध, बलोच, पश्‍तून और गिलगित-बाल्टिस्तान के नागरिकों ने विश्‍वभर में ‘ब्लैक डे’ मनाया। इस दौरान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इम्रान खान की सरकार एवं लष्कर और आयएसआय की हो रही कार्रवाई पर कड़ी आलोचना की गई। दो दिन पहले पाकिस्तान के सुरक्षा बल ने कराची से सारंग जोया नामक सिंधी नेता का अपहरण किया। पाकिस्तान में जनतंत्र बचा नहीं है और पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था लष्कर और ‘आयएसआय’ के खिलाफ़ एक भी शब्द बोलने के लिए तैयार ना होने का आरोप जोया के परिवारजनों ने किया। बीते सात सप्ताहों के दौरान पाकिस्तान में 92 लोगों का अपहरण हुआ है। सरकार और सेना के विरोध में आवाज़ मज़बूत करनेवालों का इनमें समावेश है और पाकिस्तान का सुरक्षा बल अपने विरोधकों को लक्ष्य कर रहा है, यह आरोप हो रहा है।

Pakistan-Sindh-Protestअमरीका स्थित सिंधी गुट ने भी इस बात का संज्ञान लेकर पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में प्रदर्शन किए थे। अमरीका में पाकिस्तान के राजदूत असाद माजिद खान के निवास स्थान के बाहर हुए इन प्रदर्शनों में पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की माँग भी की गई। जब तक अमरीका और संयुक्त राष्ट्रसंघ पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित नहीं करते तब तक पाकिस्तान के खिलाफ़ यह प्रदर्शन जारी रहेंगे’, ऐसे नारे प्रदर्शनकारियों ने दिए। इन प्रदर्शनों में बलोच और पश्‍तून नागरिकों के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान के नागरिक भी शामिल हुए थे। पाकिस्तान में चीन के बढ़ रहे दखलअंदाज़ी के विरोध में भी इस दौरान नारेबाजी हुई। ‘पाकिस्तान की विदेश और आर्थिक नीति में चीन काफी दखलअंदाज़ी कर रहा है। विश्‍व के लिए यह खतरे की घंटी है। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रीत करे’, यह बात गिलगित-बाल्टिस्तान के कार्यकर्ताओं ने सामने रखी।

इसी बीच, अपने देश में आज़ादी अब बची नहीं है, यह आलोचना भी पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक और पत्रकार कर रहे हैं। पाकिस्तानी पत्रकार मारवी सिरमेद ने अपने देश में अल्पसंख्यांक नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों पर क्रोध व्यक्त किया। 73 वर्ष बाद भी पाकिस्तान आज़ादी की तलाश में है। खैबर-पख्तुनवाला, बलोचिस्तान, सिंध, गिलगित-बाल्टिस्तान, पीओके, माध्यम यह कोई भी पाकिस्तान में आज़ाद नहीं हैं। हज़ारों लोग आज भी लापता हैं, इस बात का एहसास पत्रकार मारवी सिरमेद ने दिलाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.