शरणार्थीयों के झुण्ड, अनिश्चित मतदार और ‘एएफडी’ की पृष्ठभूमि पर जर्मनी मे संसदीय चुनाव के लिए मतदान

बर्लिन: युरोप मे अग्रणी अर्थव्यवस्था वित्त व्यवस्था एवं युरोपीय महासंघ की निर्णायक शक्ति के तौर पर पहचान प्राप्त जर्मनी मे रविवार के दिन संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ। जर्मन जनता विद्यमान चांसलर एंजेला मर्केल इनको लगातार चौथी बार देश का नेतृत्व सौंपेगी, यह भविष्य कथित किया गया है। इससे पूर्व, पर शरणार्थियों के झुंड की वजह से जर्मनी के साथ युरोप मे निर्माण हुआ असंतोष, लगभग ३० प्रतिशत अनिश्चित मतदार एवं अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी इस बाएँ आक्रामक गट को मिलने वाली प्रतिक्रिया, यह घटक मतदान के दौरान महत्वपूर्ण होंगे, ऐसे संकेत दिए गए थे।

संसदीय चुनावशनिवार के दिन जर्मनी के अग्रणी दैनिक ‘बिल्ड’ मे मतदान पूर्व सर्वेक्षण का निष्कर्ष घोषित किया था। उसमे चांसलर मर्केल की सत्ताधारी आघाडी एवं एसपीडी इन दो प्रमुख पक्षों के समर्थन मे ३ प्रतिशत गिरावट होने की जानकारी सामने आयी थी। मर्केल के पक्ष को मिलने वाले समर्थन में ३५ प्रतिशत गिरावट हुई है। एसपीडी इस पक्ष को २१ प्रतिशत मतदार का समर्थन है। उसी समय, शरणार्थियों के झुंड और यूरो चलन के विरोध मे आक्रामक भूमिका लेनेवाले ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ इस पर विचारसरणी के पक्ष के समर्थन मे २ प्रतिशत बढत होकर वह १३ प्रतिशत पर पहुंचे हैं।

संसदीय चुनावपिछले वर्ष जर्मनी मे हुए कुछ स्थानीय चुनाव मे चांसलर मर्केल के पक्ष को धक्का लगा था। इसके के पीछे अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी इस पक्ष को मिले मत जिम्मेदार होने की बात सामने आयी। उसके पश्चात, इस पक्ष के समर्थन मे लगातार बढ़त हो रही है। हालही में होनेवाले संसदीय चुनाव के बाद यह पक्ष मर्केल के पक्ष एवं एसपीडी के बाद सबसे बड़ा पक्ष होगा, ऐसा स्पष्ट हुआ है। इसकी वजह से जर्मनी के साथ युरोप मे खलबली फैली हुई है।

जर्मनी के अन्य सभी पक्षों ने अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी का जोरदार विरोध किया और अपने समर्थकों को बड़े पैमाने पर मतदान के लिए बाहर आने के लिए आवाहन किया है। जर्मनी मे करीब छह करोड़ से अधिक मतदार होकर, उनमे ३० प्रतिशत मतदार भी अब तक अनिश्चित होने की बात कही जा रही है। यह मतदार चुनाव के लिए उतरने पर जर्मनी की चुनाव मे कुछ चौंका देने वाले निर्णय दिखाई देंगे ऐसा दावा विश्लेषकों से किया जा रहा है। पर फिलहाल मर्केल के पक्ष का विजय निश्चित होने की बात कही जाती है।

जर्मनी मे अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी को मिलनेवाला समर्थन यह युरोप के बाएं विचारसरणी के गटो की बढ़ती प्रतिक्रिया के संकेत है। इससे पूर्व फ्रांस, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, नेदरलैंड, ब्रिटन इन देशों मे बाएँ और आक्रामक विचारसरणी के पक्षों को बड़े पैमाने पर समर्थन मिला था।

चांसलर मर्केल के हाथ फिर सूत्र आने पर, युरोपीय महासंघ को एकजुट करने के लिए अधिक गति मिलेगी, ऐसा दावा भी कुछ अभ्यासकों से किया जा रहा है।

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