‘साऊथ चायना सी’ में चीन को रोकने की अमरिका की योजना में ऑस्ट्रेलिया की पहल

वॉशिंगटन/कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के छः युद्धपोत जहाज पॅसिफिक महासागर और ‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में अभ्यास के लिए भेजे गए हैं। ऑस्ट्रेलिया की ओर से इस समुद्री इलाके में किया जाने वाला पिछले तीन दशकों में यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास साबित हुआ है। ऑस्ट्रेलिया ने शुरू किया यह युद्धाभ्यास मतलब ‘साऊथ चायना सी’ में चीन की महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए अमरिका ने अपने मित्र देशों के साथ बनाई हुई योजना का एक हिस्सा होने का दावा किया जा रहा है। चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारी जोड़ीदार देश होने के बावजूद प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुल और सरकार ने लिया हुआ यह निर्णय ध्यान आकर्षित करने वाला है।

योजना

पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच नियमित रूप से झगड़े होने की बात सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया की बड़ी परियोजनाओं में चीन का निवेश, ऑस्ट्रेलिया के संसद सदस्यों को चीन की ओर से होने वाली निधि की आपूर्ति, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में चीन का हस्तक्षेप, ऑस्ट्रेलिया के अभ्यास के दौरान चीन के पहरेदार जहाजों का घूमना इन जैसी घटनाओं से दोनों देशों के बीच तनाव दिन प्रति दिन बढ़ रहा है।ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री साथ ही विदेश मंत्रियों ने चीन के बढ़ते प्रभाव पर बार बार चिंता जताकर आक्रामक भूमिका अपनाई है।

चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय अपनाने के लिए इन्कार करने के बाद ऑस्ट्रेलिया की भूमिका अधिक तीव्र होती नजर आ रही है। इसके पहले इस मुद्दे पर नरम और चीन को दुःख न पहुँचाने वाली भूमिका लेने वाले ऑस्ट्रेलिया ने कुछ महीनों पहले ही ‘साउथ चाइना सी’ और प्रशांत महासागर क्षेत्र में अमरिका को खुलकर सक्रिय भूमिका लेने का आवाहन किया था। उसपर चीन की नाराजगी के बाद भी ऑस्ट्रेलिया अपनी भूमिका पर मजबूत है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया की गतिविधियों से दिखाई दे रहा है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और प्रशासन ने ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की आक्रामकता को लगाम लगाने के लिए जोरदार प्रयास शुरू किए हैं। इसीका एक हिस्सा मतलब भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ स्वतंत्र मोर्चा खोला है। अमरिका के साथ यह तीनों देश ‘साऊथ चायना सी’ में चीन को रोकने के लिए संयुक्त रूप से कदम उठाने वाले हैं। इस मामले में चारों देशों में विविध स्तर पर चर्चा और बैठक शुरू हैं और इस मुद्दे पर एकमत होने की बात भी स्पष्ट हुई है।

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी नौसेना के छह प्रगत युद्धपोत जहाज ‘साऊथ चायना सी’ के पास वाले इलाके में अभ्यास के लिए भेजना, यह ऑस्ट्रेलिया ने उठाया हुआ सबसे साहसी कदम माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री ने युद्धपोत जहाजों की तैनाती और अभ्यास का जोरदार समर्थन किया है। ‘इस अभ्यास से ऑस्ट्रेलिया के रक्षा दल की क्षमता का उचित एहसास होगा। अभ्यास में पनडुब्बी विरोधी मुहिमों के साथ मानवतावादी साथ ही आपत्ति प्रबंधन कार्रवाई का समावेश है’, ऐसा रक्षा मंत्री मरिस पेन ने स्पष्ट किया है।

‘साऊथ चायना सी’ के पास ऑस्ट्रेलिया का अभ्यास शुरू है, ऐसी स्थिति में ही देश की विदेश मंत्री ज्यूली बिशप ने अमरिका में जापान के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात करके ‘साऊथ चायना सी’ के मुद्देपर चर्चा करने की बात सामने आई है। इस मुलाकात से पहले ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री ने अमरिका के रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात की थी।

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