पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में होगा – ‘एफटीएफ’ के अध्यक्ष ने जारी की चेतावनी

फ्लोरिडा: ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट में पाकिस्तान का समावेश करने के लिए भारत ने रची साजीश नाकाम की है, यह घमंड पाकिस्तान में की जा रही है| लेकिन, ‘एफएटीएफ’ के अध्यक्ष ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है और इस देश ‘ब्लैक लिस्ट’ हो सकता है, यह इशारा भी दिया है| ऐसा हुआ तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गिर सकती है| इससे अपना बचाव करने के लिए पाकिस्तान के हाथ में काफी कम समय बचा है, यह बात भी स्पष्ट हो रही है|

वर्तमान में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी गोते खा रही है और एक डॉलर के लिए पाकिस्तान को १५८ रुपये चुकाने पड रहे है| अगले दौर में पाकिस्तानी रुपया की स्थिति और भी खराब हो सकती है| ऐसे में ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई की तलवार पाकिस्तान की सीर पर लटक लही है| आतंकियों के आर्थिक स्रोत काटने के लिए जरूरी कार्रवाई ना कर रहे देशों को ‘एफएटीएफ’ ब्लैक लिस्ट करती है| यह कार्रवाई करने से पहले इन देशों को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करके उन्हें अवसर दिया जाता है| पाकिस्तान काफी महीनों से ‘ग्रे लिस्ट’ में है|

फरवरी महीने में ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को इस संबंधी कार्रवाई करने का इशारा दिया था| मई महीने तेक यह कार्रवाई करने की सूचना होने के बावजूद पाकिस्तान ने इस ओर ज्यादा ध्यान नही दिया| ‘एफएटीएफ’ के अध्यक्ष मार्शल बिलिंगस्ला ने यह जानकारी देकर पाकिस्तान ने हमें निराश किया है, यह भी कहा| स्थिति ऐसी ही बनी रही तो पाकिस्तान का समावेश ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में हो सकता है, यह कडा इशारा भी बिलिंगस्ला ने दिया|

अमरिका के फ्लोरिडा में एफएटीएफ की समिती की बैठक हुई| इस दौरान वार्ताकारों से बात करते समय बिलिंगस्ला ने पाकिस्तान को चेतावनी दी| इस वजह से हमारा ब्लैक लिस्ट में समावेश हुआ नही है, इस पर संतोष जता रहे पाकिस्तान को काफी बडा झटका लगा है| एफएटीएफ ने ब्लैक लिस्ट करने पर पाकिस्तान को किसी भी अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था का कर्ज प्राप्त नही होगा|

सीर्फ इतना ही नही, बल्कि, पाकिस्तान की व्यापार पर मर्यादा बढेगी और इसका काफी बडा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर हो सकता है| फिलहाल पाकिस्तान की स्थिती काफी खराब है| महंगाई और बेरोजगारी ने पाकिस्तान को परेशान किया है| ऐसी स्थिती में ‘एफएटीएफ’ ने दिया इशारा पाकिस्तान की सरकार ने जरूरत के नुसार गंभीरता से लिया नही तो इसके बाद में होनेवाली कार्रवाई से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह होगी| पाकिस्तानी विश्‍लेषक इस स्थिति की ओर प्रधानमंत्री इम्रान खान का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे है|

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