अमरिका ने सहायता रोकने के बाद भी पाकिस्तान की ‘आतंकवादी नीति’ में बदलाव नहीं – अमरिका के विदेश मंत्रालय की नाराजगी

वॉशिंगटन: आतंकवादियों के विरोध में कारवाई करने की बात टालनेवाले पाकिस्तान की लष्करी सहायता रोकने का कठोर निर्णय अमरिका ने लिया था। पर अमरिका के इस निर्णय के बाद भी पाकिस्तान की धारणा में निर्णायक तथा कायम कहे जा सके ऐसे बदलाव नहीं दिखाई दे रहे हैं, ऐसी नाराजगी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की है। ‘फायनॅन्शिल ॲक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ‘वॉच लिस्ट’ के लिस्ट में पाकिस्तान के समावेश को अमरिका जिम्मेदार होने का आरोप पाकिस्तान से किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य आशियाई विभाग के उपमंत्री ‘ॲलिस वेल्स’ द्वारा नाराजगी व्यक्त करके पाकिस्तान को फिर एक बार परिस्थिति का एहसास दिलाने की बात दिखाई दे रही है।

२ महीनों पहले अमरिका ने पाकिस्तान को दिए जानेवाले लगभग २ अरब डॉलर की सहायता रोकने का निर्णय घोषित किया था। पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों पर कारवाई करने के लिए तैयार नहीं है। इस देश में आतंकवादियों का वास्तव्य अभी भी कायम है, ऐसा आरोप करके अमरिका ने यह कारवाई की थी। उसके बाद पाकिस्तान की धारणा में सुधार अपेक्षित था। पर पाकिस्तान ने अबतक अपने आतंकवाद विरोधी धारणा में निर्णायक एवं कायम कहे जा सके, ऐसे बदलाव नहीं किए हैं, ऐसा दावा ‘ॲलिस वेल्स’ ने किया है। ऐसा होते हुए, अमरिका की आतंकवादियों पर कारवाई के प्रश्न पर पाकिस्तान से चर्चा होती रहेंगी, ऐसा ‘ॲलिस वेल्स’ से आगे स्पष्ट किया है।

पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ जल्द ही अमरिका के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर वेल्स कि यह प्रतिक्रिया प्रसिद्ध हुई है। अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता प्रस्थापित करने के लिए पाकिस्तान के सहयोग आवश्यक है। इस बारे में पाकिस्तान से कई मुद्दे उपस्थित किए जाते हैं। अफगानिस्तान के साथ सीमा के बारे में पाकिस्तान कई मांगों का विचार कर रहा है। इस संदर्भ में पाकिस्तान की चिंता अमरिका समझे, ऐसा कहकर पाकिस्तान ने उपस्थित किए वैध मुद्दे अमरिका सोचेगी, ऐसे संकेत वेल्स ने दिए हैं। उस समय आतंकवादियों पर कारवाई का मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता, ऐसे संकेत भी वेल्स ने दिए हैं।

दौरान अपने ‘एफएटीएफ’ वॉच लिस्ट में समावेश को अमरिका जिम्मेदार होने की टीका पाकिस्तान से की जा रही है। पाकिस्तान की सरकार इसके लिए अमरिका को जिम्मेदार समझ रही है। पाकिस्तान की मानहानि करने के लिए अमरिका ने यह कदम उठाने की टीका इस देश के वरिष्ठ राजनैतिक एवं लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। उस समय चीन जैसे नजदीकी मित्र देश ने भी ‘एफएटीएफ’ मे पाकिस्तान का पक्ष न उठाते हुए विरोध की भूमिका ली थी। इस पर पाकिस्तानी विश्लेषक आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। इस वजह से पाकिस्तान के सामने आतंकवादियों पर कार्यवाही करके ‘एफएटीएफ’ के सूची से बाहर निकलने के लिए प्रयत्न करें, ऐसी सलाह कुछ विश्लेषक दे रहे हैं।

पर अभी भी पाकिस्तान ने इसके लिए गतिविधियां शुरू नहीं की है, यह बात बताते हुए ‘ॲलिस वेल्स’ ने पाकिस्तान पर कठोर कारवाई आवश्यक होने के संकेत दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.