वांशिक संघर्ष की पृष्ठभूमि पर इथिओपिया में सरकार के विरोध में बगावत की कोशिश नाकाम – सूत्रधार ब्रिगेडिअर जनरल असामिन्यू त्सिगे मुढभेड में ढेर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरआदिस अबाबा: पूर्व अफ्रिका के इथिओपिया में जनतांत्रिक सरकार के विरोध में बगावत की कोशिश नाकाम हुई है| इथिओपिया के ‘अम्हारा’ प्रांत के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ब्रिगेडिअर जनरल असामिन्यू त्सिगे के समर्थकों ने देश के लष्करप्रमुख के साथ पांच वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या की थी| ‘अम्हारा’ प्रांत की सत्ता कब्जे में करके इसके जरिए प्रधानमंत्री अबि अहमद की सत्ता का तख्तापलट करने की साजिश जनरल त्सिगे ने की थी| लेकिन, सुरक्षा यंत्रणा के साथ हुई मुठभेड में त्सिगे की मौत हुई है और बगावत की यह कोशिश नाकाम करने की जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी|

इथिओपिया यह अफ्रिका में सबसे अधिक जनसंख्या होनेवाला दुसरे क्रमांक का देश है| करीबन १० करोड से भी अधिक जनसंख्या का यह देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ रही अर्थव्यवस्थाओं की सुचि में प्रमुध देश है| करीबन ८० से भी अधिक वांशिक गुटों का समावेश होनेवाले इस देश में पिछले कुछ वर्षों से बडी तादाद में संघर्ष और हिंसा शुरू है और इस वजह से लाखों लोगों पर विस्थापित होने का संकट गिरा है|

पिछले वर्ष प्रधानमंत्री हुए अबि अहमद इन्होंने देश में जनतंत्र और मानवतावादी सुधार करना शुरू किया है| इसके तहेत कई चरमपंथी गुटों के सदस्य, वांशिक संगठनों का हिस्सा होनेवाले बागी एवं मानवाधिकार के मुद्दे पर जेल में बंद कार्यकर्ता को रिहा किया गया है| साथ ही पडोसी देश इरिट्रिआ से साथ कई दशकों से बना तनाव खतम करने में भी प्रधानमंत्री सफल हुए है और हाल ही में उन्होंने इरिट्रिआ के साथ शांति समझौता भी किया|

लेकिन, इसी बीच देश में वांशिक संघर्ष और हिंसा भडक उठी है| पिछले वर्ष से देश के कई हिस्सों में स्थानिय वांशिक गुट और प्रांत में रह रहे बाहरी गुटों में कडा संघर्ष हो रहा है| इसी वर्ष में गेडिओ-गुजी, सोमाली जैसे वांशिक गुटों में हुए संघर्ष में सैकडों लोगों की मौत हुई है| गेडिओ-गुजी की हिंसा के कारण सीर्फ कुछ ही महीनों में सात लाख लोगों पर विस्थापित होने का संकट गिरा था| यह संघर्ष प्रधानमंत्री अबि के सुधार कार्यक्रम में सबस बडा अडंगा समझा जा रहा है|

इस पृष्ठभूमि पर शनिवारी हुई बगावत की कोशिश खलबली मचा रही है| ब्रिगेडिअर जनरल असामिन्यू त्सिगे यह अम्हारा प्रांत के सुरक्षा प्रमुख है और पिछले वर्ष ही उन्हें जेल से रिहा किया गया था| कडी वांशिक और राष्ट्रवादी विचारधारा रखनेवाले जनरल त्सिगे ने प्रांत को सबसे अधिक स्वायत्ता देने के लिए कोशिश की थी| इसके लिए स्थानिय नागरिकों को हाथ में शस्त्र देकर संघर्ष में शामिल होने के लिए उन्होंने उकसाया भी था|

शनिवार के दिन जनरल त्सिगे के आदेशपर उनके समर्थकों ने देश के लष्करप्रमुख सिएरे मेकोनेन और अह्हारा प्रांत के अध्यक्ष अंबाचू मेकोनेन इनकी हत्या करवाई| उनके साथ अध्यक्ष के सलाहकार, एक वरिष्ठ सेना अधिकारी एवं प्रांत के एटर्नी जनरल पर त्री हमला किया गया| इस हमले में तिनों अधिकारी मारे जाने की बात कही जा रही है| लेकिन, इथिओपिया की सेना के साथ सुरक्षा यंत्रणा तुरंत हरकत में आकर कार्रवाई करती देखी गई| हत्या के माध्यम से ‘अमहारा’ की सत्ता पर कब्जा करके और प्रधानमंत्री अबि अहमद को चुनौती देने का षडयंत्र उधेडा गया है|

लेकिन, इस अमहारा की इस घटना के बाद देश के अन्य प्रांतों में भी इसी तरह की कोशिश होने का डर व्यक्त किया जा रहा है| इस वजह से अफ्रीका के प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होनेवाले इथिओपिया के साथ पूर्व अफ्रिकी क्षेत्र और भी अस्थिर होने का डर है| कुछ महीनों पहले अमरिका की फॉरेन पॉलिसी इस प्रमुख वेबसाईट ने इथिओपिया के वांशिक संघर्ष की पृष्ठभूमि पर इस देश का युगोस्लाव्हिया हो सकता है, यह दावा किया था|

सोव्हिएत रशिया का प्रमुख सहयोगी देश होनेवाले युगोल्साव्हिया के वर्ष १९८९ से १९९२ के दौरान टुकडे हुए थे और इन में से छह देशों का निर्माण हुआ था| इस वजह से इथिओपिया को लेकर फॉरेन पॉलिसी ने दिया इशारा कुछ अलग ही संकेत दे रहा है|

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