उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंध मतलब छोटी शुरुआत- अमरीकी राष्ट्रपति का इशारा

वॉशिंगटन/सेउल: नए प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, यह ज्ञात है। पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने एकजुट होकर प्रतिबंध घोषित किए यह सबसे महत्वपूर्ण है। उत्तर कोरिया पर यह प्रतिबंध एक छोटी शुरूआत है। आने वाले समय में उत्तर कोरिया को इस से अधिक भीषण कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा, यह कठोर इशारा अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया है।

प्रतिबंध

उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अमरीका सभी विकल्पों का उपयोग करेगा, ऐसा राष्ट्रपति ट्रम्प ने कुछ दिनों पहले स्पष्ट किया था। जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के साथ लष्करी कारवाई का विकल्प भी विचाराधीन होने की बात राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्पष्ट की थी। सोमवार के दिन सोमवार हुई सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर जारी किए प्रतिबंध पर असमाधान व्यक्त करके राष्ट्रपति ट्रम्प ने फिर से लष्करी कारवाई के विकल्प का संकेत दिया है।

सुरक्षा परिषद की बैठक में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध जारी करने पर एकमत होने पर भी चीन एवं रशिया ने इन प्रतिबंधों की तीव्रता कम करने की आग्रही मांग की है। इस पर प्रतिवर्ष उत्तर कोरिया के २० लाख बैरल्स ईंधन के आयात पर मर्यादा डालने के बारे में अमरीका ने समझौता किया। चीन एवं रशिया की वजह से उत्तर कोरिया पर कठोर प्रतिबंध जारी करना संभव न होने की नाराजगी अमरीका व्यक्त कर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया का कुछ नहीं बिगड़ेगा, यह कहते राष्ट्रपति ट्रम्प ने फिर से भीषण परिणामों के संकेत दिए हैं।

दौरान उत्तर कोरिया ने भी सुरक्षा परिषद के इन प्रतिबंधों पर टिका की है। सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध शैतानी होने का आरोप उत्तर कोरिया ने किया है। तथा इन प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया पीछे न हटकर परमाणु और मिसाइल निर्माण शुरू रखेंगे यह घोषित किया है। उत्तर कोरिया के हुकुमशाह किम जोंग-उन ने इस विषय में अपने वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकारों से मुलाकात करने की जानकारी सामने आयी है।

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