अगले पंधरह वर्षों में चीन की नौसेना अमरिका के स्थान पर कब्जा करेगी – भूतपूर्व अमरिकी नौसेना अफसर की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन: ‘अपने नौसेना की ताकत में तेजी के साथ बढोतरी कर रहा चीन अगले दस से पंधरह वर्षों में अमरिका को भी पीछे छोडेगा| चीन दुनिया का सबसे बडी नौसेना रखनेवाला देश साबित होगा’, ऐसा इशारा अमरिका के सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी रिअर एडमिरल मायकल मैकडेव्ही ने दिया है| चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी नेव्ही’ (एलएनए) ने शुरू की हुई ‘ब्ल्यू वॉटर पॉलिसी’ चीन की नौसेना का सामर्थ्य बढाने के लिए जिम्मेदार होने की बात पर मैकडेव्ही ने ध्यान आकर्षित किया है|

अमरिकी नौैसेना विद्यापीठ के वेबसाईट के लिए लेख में रिअर एडमिरल मैकडेव्ही ने अमरिका और चीन की नौसेना में बन रहा फरक और चीन की बढती ताकत की चुनौती की ओर ध्यान आकर्षित किया| फिलहाल अमरिका दुनिया में सबसे बडी और प्रभावी नौसेना रखती है| पर, ज्यादा समय के लिए यह स्थिति बनी नही रहेगी और चीन जीस तेजी के साथ अफनी नौसेना की क्षमता बढा रहा है वह देखें तो अगले दस वर्षों में चीन अमरिकी नौसेना की ताकत के स्तर तक पहुंचेगा, यह दावा मैकडेव्ही ने किया|

जागतिक महासत्ता होने की स्पर्धा में नौसेना ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है| आधुनिक इतिहास में यानी पहले विश्‍वयुद्ध के दौर में ब्रिटेन और जर्मन साम्राज्य के संघर्ष की पहली शुरूआत नौसेना के सामर्थ्य की स्पर्धा से ही हुई थी| अब भी स्थिति बदली नही है और अमरिका और चीन में नौसेना की ताकत की स्पर्धा में रंग भरें जा रहे है’, यह बात रिअर एडमिरल मैकडेव्ही ने कही| पीछले कुछ दशकों से अमरिका ने नौसेना का सामर्थ्य बढाने में बढत बनाई है, यह बात मैकडेव्ही ने मंजूर की| पर, अमरिका ज्यादा समय के लिए इस स्थान पर नही रहेगी, यह इशारा इस भूतपूर्व नौसेना अफसर ने दिया है|

जीस गती से चीन ने अपनी ब्ल्यू वॉटर नौसेना खडी की है, वह देखें तो इसकी सराहना करनी ही होगी| अन्य देशों के साथ चीन की नौसेना के सामर्थ्य की तुलना करना संभव नही| यह गती बरकरार रहती है तो अगले दस से पंधरह वर्षों में चीन के हाथ में दुनिया की सबसे बडी नौसेना होगी’, यह बात मैकडेव्ही ने अपने लेख में दर्ज की है| इसके लिए मैकडेव्ही ने पीछले डेढ दशक में चीन की नौसेना ने ताकत का दाखिला दिया|

अमरिकी नौसेना दुनिया में सबसे बडी नौसेना के तौर पर जानी जाती है| इस नौसेना की क्षमता बढाकर कम से कम ३५५ युद्धपोतों की नौसेना खडी करने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दो वर्ष पहले किया था| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की इस भूमिका का अमरिकी नौसेना के अफसरों ने और लष्करी विश्‍लेषकों ने स्वागत किया है| पर, इस मोर्चे पर अमरिका ने काफी देरी से ध्यान दिया है, यह बात मैकडेव्ही कह रहे है|

पीछले डेढ दशक में चीन ने ‘ब्ल्यू वॉटर’ एवं ‘ग्रीन वॉटर’ ऐसे दोनों क्षेत्रों में अपनी ताकत बढाई है, इस ओर मैकडेव्ही ने गौर किया| ‘पीछले पंधरह वर्ष से भी कम समय में चीन ने अपनी नौसेना में ‘ब्ल्यू वॉटर’ यानी महासागर में तैनात करने के लिए सहायक होनेवाली १३१ युद्धपोतों का निर्माण किया| इस दौरान चीन ने ‘ग्रीन वॉटर’ यानी अपने समुद्री सीमा में गश्त करने के लिए जरूरी १४४ विध्वंसक एवं गश्तीपोतों का निर्माण किया है| इस तरह चीन ने लगभग २७५ पोत अपनी नौसेना के बेडे में शामिल किए है और यह संख्या काफी बडी है’, यह बात मैकडेव्ही ने स्पष्ट की|

चीन की शिपयार्ड में उसी गति से जहाज का निर्माण जारी रहा तो अगले पंधरह वर्ष में चीन ‘ब्ल्यू वॉटर’ क्षेत्र में कार्रवाई करने के लिए १४० से भी अधिक युद्धपोतों का निर्माण करेगा| इस दौरान चीन की नौसेना से कुछ युद्धपोत सेवानिवृत्त भी होती है तो भी वर्ष २०३५ तक चीन के बेडे में २७० युद्धपोत महासागर में तैनात करने के लिए तैनात रहेंगे, इस बात का एहसास मैकडेव्ही ने दिलाया है| ‘ब्ल्यू वॉटर’ क्षेत्र में चीन के युद्धपोतों का प्रभाव अमरिका के लिए बडी चुनौती साबित होगा, यह इशारा भी मैकडेव्ही ने दिलाया है|

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