चीन को अनपेक्षित घटना एवं अनदेखे खतरों से सतर्क रहना होगा – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इनका निवेदन

Third World Warबीजिंग: ‘हमें किसी भी अनपेक्षित घटना के विरोध में सतर्क रहकर ध्यान रखना होगा| साथ ही काफी अहम लेकिन अनदेखे खतरों को लेकर सावधानी से कदम उठाना जरूरी है’, इन शब्दों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता, प्रमुख सदस्य एवं अधिकारियों के सामने निवेदन किया है| चीन की अर्थव्यवस्था की तीन दशकों में सबसे निचले स्तर तक गिरावट होने का वृत्त सामने आ रहा है, तभी चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने किया यह निवेदन ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हो रहा है|

पिछले कुछ वर्षों में चीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनपेक्षित घटनाओं का मुकाबला करना पड रहा है और जागतिक स्तर पर बनी स्थिति संवेदनशील और जटिल होने का एहसास राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने कराया है| ऐसे में चीन को सुधार और विकास के राह पर रहकर ही स्थिरता कायम रखनी होगी, यह चेतावनी जिनपिंग इन्होंने इस समय दी|

चीन, अनपेक्षित घटना, अनदेखे खतरों, सतर्क, रहना, राष्ट्राध्यक्ष, शी जिनपिंग, निवेदनलेकीन, पिछले पांच वर्षों से भी अधिक समय चीन के राष्ट्राध्यक्ष बने रहे जिनपिंग इन्होंने खुद सुधार के लिए नए कदम उठाने की हिम्मत दिखाई नही है| अमरिका के साथ व्यापार युद्ध एवं ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ को मिल रहे झटकों की पृष्ठभुमि पर राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग खुद सत्ता पर पकड मजबूत करने की कोशिश कर रहे है और इसके लिए लगातार सत्तारूढ कम्युनिस्ट पक्ष के नेता और सदस्यों को निष्ठा और सतर्कता के विषय में उपदेश कर रहे है, यही पिछले वर्ष में लगातार दिखाई दिया है| उन्होने ने किया नया निवेदन भी उसी का हिस्सा होता दिखाई दे रहा है|

जिनपिंग इनकी रक्षात्मक भुमिका के पिछे राजनीतिक असुरक्षा की भावना होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| अमरिका को अपेक्षित सुधार चीन ने किए तो, चीन में राजनीतिक उथल पुथल होगी, ऐसा अमरिकी सुरक्षा सलाहकार ने हालही में कहा था| इस वजह से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग आर्थिक सुधार करने के लिए उत्सुक नही है और उसी समय उन्हें अमरिका के साथ व्यापार युद्ध भी टालना है| यह दोनों बाते एक साथ मुमकिन नहीं| इस वजह से वह पक्ष के माध्यम से चीन की जनता पर अपना नियंत्रण कायम रखने के लिए कोशिश कर रहे है|

पिछले महीने में हुए एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग इन्होंने यह कहा था की, ‘चीन से किसी भी देश को खतरा नही है’| साथ ही उन्होंने यह चेतावनी दी थी की, ‘विश्‍व का कोई भी देश ने चीन ने क्या करना चाहिए और क्या ना करें यह बता कर हुकूमत कर नही सकता|’ इसके पहले एक बैठक में उन्होंने यह डटकर कहा था की, चीन को आनेवाले समय में जीत प्राप्त करनी हो तो मार्क्सवाद का ही आधार लेना होगा| जिनपिंग इनका ऐसा कहना उनकी असफलता को ढकने की कोशिश है, ऐसी आलोचना विश्‍लेषक और तज्ञ कर रहे है|

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