न्यूजीलैण्ड ‘साउथ चायना सी’ के खतरों को नजरअंदाज नहीं कर सकता – लष्करी विश्‍लेषकों का इशारा

newzealand-south-china-seaक्विन्सटाउन – कोरोना की महामारी के कारण पूरा विश्‍व थमा होने की स्थिति में भी एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा अभी दूर नहीं हुआ है। इस क्षेत्र को खास तौर पर साउथ चायना सी की सुरक्षा के लिए खतरा आज भी बढ़ रहा है। इस क्षेत्र के करीबी अहम देश के तौर पर न्यूजीलैण्ड इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता, ऐसा इशारा लष्करी विश्‍लेषकों ने दिया।

न्यूजीलैण्ड के क्विन्सटाउन शहर में दो दिन की ‘एशिया पैसिफिक सिक्युरिटी इनोवेशन फोरम’ की बैठक शुरू हुई है। सोमवार के दिन इस बैठक के पहले दिवस पर लष्करी विश्‍लेषक और अफ़सरों ने साउथ चायना सी से होनेवाली व्यापारी यातायात को अगले दिनों में खतरा निर्माण होगा, यह इशारा दिया गया है।

newzealand-south-china-sea‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र के देश फिलहाल हथियारों से सज्जित हो रहे हैं। किस लिए? क्या सहयोग, स्पर्धा या समान हितसंबंधों के लिए हथियारों की यह तैयारी हो रही है? क्या समुद्री ड़कैती या आतंकवाद को रोकने के लिए या र्इंधन से भरे इस समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए यह तैयारी हो रही है?’ ऐसे सवाल इस बैठक की अध्यक्षा डॉ.अनिता ऐबॉट ने किए।

newzealand-south-china-seaइसी बीच, ‘साउथ चायना सी’ का मुद्दा संबंधित क्षेत्र के देशों तक सीमित है। इसका हमसे क्या संबंध, ऐसी भूमिका अपनाने में न्यूजीलैण्ड का हित नहीं है। क्योंकि, व्यापारी यातायात के लिए इस्तेमाल हो रहे इस समुद्री क्षेत्र से न्यूजीलैण्ड ज्यादा दूर नहीं है’, इस बात का अहसास विश्‍लेषिका पैमेला विल्यमसन ने कराया। चीन ने यदि अगले दिनों में साउथ चायना सी पर कब्ज़ा किया तो इसका न्यूजीलैण्ड की सुरक्षा पर भी असर हो सकता है, यह इशारा इस बैठक में शामिल हुए विश्‍लेषकों ने दिया है।

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