‘साऊथ चायना सी’ में चीन अपना रहे विस्तारवादी रवैये का व्हिएतनाम द्वारा निषेध

हनोई – ‘साऊथ चायना सी’ में चीन अपना रहे विस्तारवादी रवैये का व्हिएतनाम ने कड़े शब्दों में निषेध किया है। चीन ने यदि अपना रवैया नहीं बदला, तो उसके परिणाम दिखायी दे सकते हैं, ऐसा व्हिएतनाम के विदेश मंत्रालय ने ज़ोर देकर कहा होकर, इस प्रश्न को आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की तैयारी भी व्हिएतनाम ने की है।

दुनियाभर में कोरोनावायरस की महामारी हाहाकार मचा रहा है, लेकिन चीन अरबी सागर से लेकर ‘साऊथ चायना सी’ तक के सागरी क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित करने के मौक़े के रूप में इसकी ओर देख रहा है। दुनियाभर के देश इस महामारी का मुक़ाबला करने में उलझे हैं; वहीं, चीन ‘साऊथ चायना सी’ स्थित द्वीपों पर का अपना ग़ैरक़ानूनी नियंत्रण अधिकृत करने के लिए कदम उठा रहा है। इन द्वीपों पर की प्रशासकीय व्यवस्था बदलकर उसे चीन के ज़िले का स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है, इसपर व्हिएतनाम से तीव्र प्रतिक्रिया उठी है।

‘जिन पॅरासेल और स्प्राटले द्वीपों के बारे में चीन निर्णय ले रहा है, उन द्वीपों पर व्हिएतनाम का सार्वभौम अधिकार होने के क़ानूनी और ऐतिहासिक सबूत व्हिएतनाम के पास हैं। अत: इन द्वीपों से और सागरी क्षेत्र से चीन वापस लौट जायें’, ऐसी माँग व्हिएतनाम के विदेश मंत्रालय ने की। अन्यथा अपने द्वीपों पर के अधिकारों के लिए आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहयोग लिया जायेगा, ऐसा व्हिएतनाम के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है। पॅरासेल और स्प्राटले द्वीपों पर चीन ने सेना, क्षेपणास्त्र, रडार तैनात किये होने के फोटोग्राफ्स प्रकाशित हुए थे। अपने द्वीपों पर चीन ने किया हुआ कब्ज़ा और उनका लष्करीकरण, यह मुद्दा व्हिएतनाम ने इससे पहले भी उठाया है। इस कारण इस क्षेत्र में चीन और व्हिएतनाम के बीच का तनाव बढ़ता चला जा रहा है।

कुछ दिन पहले ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में चीन की गश्तीनौकाएँ व्हिएतनाम के मच्छिमार जहाज़ से टकरायीं थीं। इस घटना के बाद फिलिपाईन्स ने व्हिएतनाम को समर्थन घोषित कर, चीन की इस क्षेत्र में दिखा रहे आक्रमकता की आलोचना की। वहीं, पिछले हफ़्ते में इस सागरी क्षेत्र में चीन और मलेशिया के जहाज़ आमनेसामने आये थे। इस कारण ‘साऊथ चायना सी’ के मुद्दे को लेकर चीन को तीव्र विरोध होने लगा है।

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