जम्मू-कश्मीर में नया डोमिसाईल क़ानून लागू – पाकिस्तान आगबबूला

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाली धारा-३७० हटा देने के नौं महीने बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर के संदर्भ में एक और बड़ा निर्णय लागू किया है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करके, जम्मू-कश्मीर में नये ‘डोमिसाईल’ क़ानून की कार्यान्विति शुरू की। इस क़ानून के अनुसार, जम्मू-कश्मीर का निवासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए नये निकष निश्चित किये गए हैं। लेकिन इस कारण पाकिस्तान आगबबूला हुआ है।

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में नये डोमिसाईल क़ानून की कार्यान्विति शुरू की है। इसके अनुसार यहाँ पर नौकरी तथा अन्य कामों के सिलसिले में १५ साल वास्तव्य किये हुए लोगों को जम्मू-कश्मीर के निवासी होने का अधिकार मिलनेवाला है। इस नये क़ानून के तहत वे ‘डोमिसाईल’ प्राप्त करने के लिए तहसीलदार के पास आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जम्मू-कश्मीर की किसी भी शैक्षणिक संस्था से दसवीं और बारहवीं परीक्षा पास हुए, साथ ही सात साल यहाँ पर पढ़ाई किये हुए छात्र भी बतौर निवासी ‘डोमिसाईल’ प्राप्त कर सकते हैं। इसीके साथ, शादी करके अन्य राज्यों में गयीं हुईं महिलाओं के बच्चों को भी कश्मीर के निवासी होने का प्रमाणपत्र मिल सकता है। इस नये ‘डोमिसाईल’ के प्रावधान के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्रचना आदेश-२०२० को कलम ३-ए जोड़ दिया है। आवेदन करने के बाद १५ दिनों में यह ‘डोमिसाईल’ जारी करने के आदेश सरकार ने दिए हैं।

पिछले साल के अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने राज्य की धारा-३७० हटाई थी। उसके बाद जम्मू- कश्मीर के संदर्भ में केंद्र सरकार ने किया यह एक और बड़ा निर्णय साबित होता है। इससे कश्मिरी पंडितों को उनके अधिकार पुन: प्राप्त हो सकते हैं। पाकिस्तान से भारत में आये हज़ारों शरणार्थियों को भी कश्मीर के नागरिक के रूप में प्रमाणपत्र मिल सकेगा। ये शरणार्थी पिछले कई सालों से जम्मू-कश्मीर में निवास कर रहे होने के बावजूद भी उन्हें नागरिकता के मूलभूत अधिकार प्राप्त नहीं हुए थे। लेकिन अब इस नये क़ानून की कार्यान्विति शुरू होने के कारण इन सबको इन्साफ़ मिल सकता है।

लेकिन जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों को और पाकिस्तान को यह निर्णय रास नहीं आया है। भारत यहाँ की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदलने की कोशिश कर रहा होने के आरोप अलगाववादी और पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे हैं। साथ ही, यह नया ‘डोमिसाईल’ क़ानून अनधिकृत है और संयुक्त राष्ट्र में दोनों देशों में हुए समझौते का उल्लंघन है, ऐसा झूठा आरोप पाकिस्तान ने किया है।

भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों पर कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया है। कश्मीर में से धारा-३७० हटाने के बाद पाकिस्तान इसका आंतर्राष्ट्रीयीकरण करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान की यह चाल क़ामयाब नहीं हो सकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.