चीन के साथ के सीमा विवाद में भारत को जापान का संपूर्ण समर्थन

नई दिल्ली – भारत-चीन सीमाविवाद में जापान ने भारत को पूर्ण समर्थन घोषित किया। इस विवाद का हल निकालने के लिए भारत ने की पहल का जापान ने स्वागत किया। वहीं, लद्दाख की सीमा पर स्थिति बदलने के लिए चीन ने की हुई एकतरफ़ा कार्रवाई की जापान ने आलोचना की। इससे पहले अमरीका, फ्रान्स, ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने इस विवाद में भारत को समर्थन दिया होकर, रशिया ने भी, वह भारत के पक्ष में खड़ा रहेगा ऐसे स्पष्ट संकेत दिये हैं। इससे, आंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ होने का सुस्पष्ट संदेश चीन को मिला है। भारतीय प्रधानमंत्री के लद्दाख दौरे के बाद जापान से आयी यह प्रतिक्रिया औचित्यपूर्ण साबित होती है।

india-japan-chinaभारत के विदेश मंत्रालय के सचिव हर्ष श्रिंगला के साथ हुई चर्चा में, जापान के भारतस्थित राजदूत सतोषी सुझुकी ने चीनसमेत के सीमाविवाद में भारत की भूमिका का समर्थन किया। ‘प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के लिए भारत ने अपनाई भूमिका उचित ही थी। इस विवाद का शांति से हल निकलें, ऐसी जापान की इच्छा है। लेकिन प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के पास, स्थिति बदलने के लिए की जानेवालीं इकतरफ़ा गतिविधियों को जापान विरोध ही करेगा, ऐसा कहकर सुझुकी ने यहाँ की चीन की हरक़तों का विरोध किया।

गलवान वैली में हुए संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने दिखाई वीरता की जापान के राजदूत ने प्रशंसा की। उसके बाद इस हफ़्ते की शुरुआत में हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत और जापान की नौसेनाओं में विशेष अभ्यास संपन्न हुआ था। उसके कुछ ही दिनों में जापान के राजदूत ने लद्दाख की परिस्थिति के संदर्भ में भारत का समर्थन किया। उसीके साथ, चीन की विस्तारवादी हरक़तों की भी जापान के राजदूत ने आलोचना की। इससे पहले भी जापान ने, चीन के साथ के सीमाविवाद में भारत को समर्थन दिया था। चीन की साम्राज्यवादी नीतियों के विरोध में भारत एवं जापान ये एशिया के प्रमुख लोकतंत्रवादी देश एकसाथ हुए होकर, इन देशों का सहयोग अपने विरोध में ही होने का आरोप चीन ने समय समय पर किया था। लेकिन भारत और जापान में होनेवाला सहयोग विधायक और इंडो-पॅसिफिक क्षेत्र में स्थिरता तथा सुरक्षा बरक़रार रखने के लिए है, यह बात दोनों देशों ने समय समय पर स्पष्ट की थी।

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