क्वाड सहयोग पर रशिया चिंतित, जापान ने किया स्वागत

नई दिल्ली – इंडोपैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी भूमिका के विरोध में अमरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत ने शुरू कियाक्वाडसहयोग पर रशिया ने चिंता जताई है| तभी, ‘रायसेना डायलॉगमें बोलते समय जापान के जनरल कोजी यामासाकी ने इस सहयोग का स्वागत करने के संकेत दिए है| इससे क्वाड का हिस्सा बने भारत को रशिया जैसे मित्रदेश को नाराज किए बिना यह सहयोग आगे बढाना होगा, यही संकेत प्राप्त हो रहे है

रशिया के भारत में स्थित राजदूत निकोलाई कुडाशेव्ह ने क्वाड सहयोग पर चिंता जताई| रशिया को अमरिका के दांव और क्वाड सहयोग पर चिंता महसूस हो रही है| रशिया और चीन इन देशों को बाजू में रखकर यह सहयोग विकसित किया जा रहा है, इस पर कुडाशेव्ह ने नाराजगी व्यक्त की| इससे पहले भी रशिया के सियासी नेतृत्व ने क्वाड का सहयोग चीन को रोकने के लिए ही होने का आरोप रखा था| ‘इस मुद्दे पर रशिया ने भारत से बातचीत की है और अपनी चिंता भारत से बयान की है, यह जानकारी रशियन राजदूत कुडाशेव्ह ने दी

इसी बीच राजधानी नई दिल्ली में हो रहेरायसेना डायलॉगमें जापान के जनरल कोजी यामासाकी ने क्वाड सहयोग को लेकर सकारात्मक बयान किया| अमरिका और जापान का सामरिक सहयोग इस क्षेत्र का संतुलन बरकरार रखने के लिए है, यह बात जनरल यामासाकी ने कही| ‘जापान की सेना को मात्र अपनी जमीन, समुद्री क्षेत्र और हवाई सीमा सुरक्षित रखने में रुचि नही है| बल्कि सायबर क्षेत्र, अंतरिक्ष एवं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र की सुरक्षा भी जापान की जिम्मेदारी बनती है, यह कहकर इस मोर्चे पर बनी असुरक्षितता के लिए चीन जिम्मेदार होने की आलोचना भी जापान के जनरल यामासाकी ने अप्रत्यक्ष तरिके से की|

वर्ष २०१७ से अमरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने भारत के साथ क्वाड यहयोग की शुरूआत की थी| चीन ने पैसिफिक क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले साउथ चायना सी और ईस्ट चायना सी क्षत्र पर अधिकार जताना शुरू करके वहां पर नौसेना और वहाई गश्त करने का आक्रामक निर्णय किया था| हिंद महासागर क्षेत्र में भी चीन की नौसेना ने आक्रामक उपस्थिती दिखाना शुरू किया है| इसके जरिए भारत की सुरक्षा को चुनौती देने की तैयारी चीन ने की थी| इसी पृष्ठभूमि पर इंडोपैसिफिक क्षेत्र में संतुलन बनाकर चीन को रोकने के लिए क्वाड का सहयोग शुरू किया गया था|

यह सहयोग अपने विरोध में होने का दावा भी चीन ने किया है| रशिया ने भी इसपर नाराजगी व्यक्त करके चीन का पक्ष लिया है| रशिया और चीन के बीच अमरिका के विरोध में बन रही भागीदारी की पृष्ठभूमि पर रशिया ने क्वाड के मुद्दे पर चिंता जताना, बनता है| पर, आज तक अपनी विदेश नीति स्वतंत्र रखनेवाले भारत को चीन की वर्चस्ववादी नीति के कारण क्वाड में शामिल होना पड रहा है| भारत का पारंपरिक मित्रदेश रशिया को इसका एहसास करवाना भारत के लिए अहम साबित होगा|

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