पटना-इंदौर ‘राजेंद्रनगर एक्सप्रेस’ दुर्घटना में १३३ लोंगो की मौत, २०० से अधिक घायल

कानपूर: रविवार को भोर के समय पटना-इंदौर ‘राजेंद्रनगर एक्सप्रेस’ को उत्तरप्रदेश में कानपूर के नज़दीक हुई भीषण दुर्घटना में १३३ लोगों की जानें गयीं; वहीं, दो सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं| घायलों में कई लोगों की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है| इससे मृतकों की तादात बढ़ने की आशंका जतायी गई है| भोर के समय यात्री गहरी नींद में रहते वक्त यह घटना घटी, इस कारण यात्रियों को सँवरने का अवसर ही नहीं मिला| इस दुर्घटना की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हुई हैं| रेलमंत्रालय ने इस दुर्घटना की जाँच के आदेश दिये है|

Patna-indore_Accident- ‘राजेंद्रनगर एक्सप्रेस’ कानपूर के नज़दीक पुखराया में रविवार को भोर के ३ बजे राजेंद्रनगर एक्सप्रेस के १४ डिब्बे पटरी से उतर गये| ‘एस-१’, ‘एस-२’, ‘एस-३’, ‘एस-४’ ये चार स्लीपर कोच के डिब्बों को ज़बरदस्त झटका लगा| ‘एस-१’ और ‘एस-२’ इन डिब्बों की एक-दूसरे के साथ इतने जोरों की टक्कर हुई कि दोनो डिब्बे एक-दूसरें में घुस गये| इस दुर्घटना में मरनेवालों में इन चार डिब्बों की यात्रियों की तादात अधिक है|

यह दुर्घटना इतनी भयावह थी कि कुछ डिब्बों का पतरा कट गया; वहीं, कुछ डिब्बे उलटे-पुलटे हो गये थे| इनमें कई यात्री फँसे हुए थे| युद्धस्तर पर इन डिब्बों को कोल्ड कटर से काटकर उनमें फँसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला गया| दुर्घटना के समय ट्रेन का स्पीड ज़्यादा होने के कारण दुर्घटना की भीषणता बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है| घटनास्थल पर बिखरा हुआ समान और खून के धब्बे इस दुर्घटना की भीषणता दिखा रहे थे|

लगभग घायल २०० यात्रियों में से ७६ यात्रियों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है| इस कारण मृतकों तादात बढ़ सकती है| दुर्घटना में थ्री टायर डिब्बों का भी नुकसान हुआ है| इस दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद जल्द से जल्द वैद्यकीय टुकड़ी और अन्य बचाव पथक घटनास्थल पर दाखिल हुए| राष्ट्रीय आपत्ती निवारण दल (एनडीआरएफ) की पाँच टुकड़ियों को राहतकार्य के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है|

इस ट्रेन के यात्रियो ने दी जानकारी के नुसार भोर के समय अचानक से ब्रेक लगा और इसके कारण कुछ डिब्बें पटरी से उतर गये| मोटरमन ने अचानक ब्रेक क्यों मारा, इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है| लेकिन प्राथमिक अंदाज़ से रेल्वे पटरियों में पड़ीं दरारें इस दुर्घटना का कारण होने की बात सामने आयी है| पटरियों को पड़ी दरारों की वजह से होनेवाली दुर्घटना को टालने के लिए एक्सप्रेस जाने से पहले एक ट्रायल इंजिन को पटरी पर से दौड़ाते हैं|

राजेंद्रनगर एक्सप्रेस इस मार्ग से जाने से पहले क्या यह ट्रायल इंजिन यहाँ से दौड़ाया नहीं गया था, ऐसा सवाल पूछा जा रहा है| रेल्वे पटरी की देखभाल न की होने के कारण यह दुर्घटना होने की आशंका जतायी जाती है| रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने घटना की जाँच के आदेश दिये हैं| वहीं, इस दुर्घटना के लिए जो कोई दोषी साबित होता है, उसपर सख़्त कार्रवाई की जाएगी, इसका यक़ीन रेलमंत्री ने दिलाया|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरा दुख ज़ाहिर किया है| उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मृतकों के परिवारवालों को पाँच लाख और गंभीर घायलों को ५० हज़ार और मामूली चोट लगनेवालों को २५ हज़ार का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है| वहीं, केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारवालों को ५.५ लाख रुपये इतने मुआवज़े का ऐलान किया है|

इसी दौरान, इस दुर्घटना की वजह से इस मार्ग पर रेल यातायात स्थगित कर दी गई है| कई रेल गाड़ियों को अन्य मार्ग से ले जाया गया है| डिब्बों में फँसे यात्रियों को निकालने के बाद यह रेलमार्ग दुरुस्त करने का काम युद्ध स्तर पर हाथ लिया गया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.