प्रधानमंत्री मोदी की रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा

मॉस्को, दि. १: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रशिया की यात्रा पर आये हैं| उनकी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ द्विपक्षीय चर्चा शुरू हुई है| इस चर्चा पर दुनिया भर के निरीक्षकों का ध्यान लगा है| उभय देशों में विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के करीब बारह समझौते अपेक्षित हैं, ऐसा कहा जाता है| भारत और रशिया के संबंधो में उतारचढ़ाव नहीं आयेंगे, ऐसा यक़ीन इस समय भारतीय प्रधानमंत्री ने दिलाया| वहीं, रशिया ने बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में भारत जितना सहयोग अन्य किसी भी देश के साथ नहीं किया, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, भारत-रशिया संबंध बेजोड़ हैं, ऐसा दावा किया|

रशियन राष्ट्राध्यक्ष स्पेन की यात्रा करके प्रधानमंत्री मोदी रशिया में दाखिल हुए| प्रधानमंत्री की युरोप यात्रा में यह सबसे महत्त्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है| पिछले कुछ महिनों से भारत-रशिया संबंधों के सामने कड़ी चुनौतियाँ खड़ी हुईं थीं| ख़ास तौर पर, रशिया ने पाकिस्तान के साथ शुरू किया सेना सहयोग भारत की चिंता बढ़ा रहा था| लेकिन रशिया पाकिस्तान के साथ कर रहे सहयोग का, भारत से रहनेवाले संबंधों पर असर नहीं होगा, ऐसा भरोसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिलाया|

पाकिस्तान के साथ रशिया का इतना दृढ़ सैनिकी सहयोग नहीं है और उसका रशिया-भारत संबंधों पर असर होगा नहीं, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, भारत के आतंकवादविरोधी संघर्ष में रशिया हमेशा भारत के पक्ष से खड़ा रहेगा, ऐसा कहा है| रशिया दुनिया के दूसरे किसी भी देश के साथ भारत जितना रक्षासंबंधित सहयोग नहीं करता| ख़ास तौर पर, मिसाईल्स जैसे संवेदनशील क्षेत्र में दोनो देशों का सहयोग एक-दूसरे का विश्‍वास अधोरेखित करनेवाला है| इसलिए उभय देशों के बीच के इस सहयोग पर आशंका उपस्थित करना ग़लत होगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा| लेकिन भारत के रशिया के साथ ख़ास संबंध हैं इसलिए भारत दूसरे किसी भी देश के साथ संबंध विकसित ना करें, ऐसी माँग करना हास्यास्पद साबित होगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने आगे कहा|

आनेवाले कुछ दिनों में भारत ‘शंघाय कोऑपरेशन आर्गनायझेशन’ का (एससीओ) सदस्य बनेगा, ऐसी जानकारी इस समय रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी| वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने, दूसरे विश्वयुद्ध में रशिया के लिए बलिदान देनेवालों के ‘पिस्कोरोव्हस्कोए’ स्मारक की भेंट कर अपनी संवेदनाएँ जतायीं| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के भाई व्हिक्टर ने संघर्ष में बलिदान दिया था| उसकी मिसाल देकर, रशिया के लिए बहुत बड़ा योगदान देनेवाले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के परिवार की प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफ़ की|

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चर्चा को दुनियाभर के राजनयिक निरीक्षक बारिक़ी से देख रहे हैं| ख़ासकर, अमरीका के साथ संबंध विकसित करते समय, भारत रशिया के साथ अपने पारंपरिक दोस्तीपूर्ण संबंध किस तरह सँभालेगा और अपनी विदेश नीति में किस तरह संतुलन बरक़रार रखेगा, इसपर जानकारों का ध्यान लगा हुआ है|

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