भारतीय नौसेना के ‘पी-८आय’ विमानों के बेड़े में होगी बढ़ोतरी

Indian-Navyनई दिल्ली – पनडुब्बियों को लक्ष्य बनानेवाले, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक जॅमिंग की सुविधा होनेवाले चार ‘पी-८आय’ विमान अगले साल तक भारतीय नौसेना के बेड़े में दाखिल होंगे। अमरीका के साथ हुए समझौतों की पृष्ठभूमि पर, ये लाँगरेंज गश्ती विमान भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले हैं। हिंद महासागर क्षेत्र की चिनी नौसेना की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं; ऐसे में इन विमानों का भारतीय नौसेना में समावेश अहम साबित हो सकता है।

भारत और अमरीका के बीच हुए अरबों डॉलर्स के समझौतों के तहत बोइंग कंपनी भारत को ‘पी-८आय – पोसायडन’ विमान की सप्लाई करने वाली है। प्रगत रडार यंत्रणा से लैस आठ पोसायडन विमान सन २०१६ में ही भारतीय नौसेना में तैनात किए गए हैं। पिछले ४ वर्षों से अरबी समुद्र से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र से बंगाल की खाड़ी तक इन विमानों की गश्त शुरू है। अमरीका के साथ हुए समझौते के अनुसार, चार पोसायडन विमानों का बेड़ा अगले साल भारत में दाखिल होगा। वहीं, ऊर्वरित छ: विमान उसके आगे के साल भर में नौसेना में सहभागी होने वाले हैं।

भारतीय सैनिकों ने लद्दाख में चीन के दाँवपेंचों को सफलतापूर्वक नाकाम बनाने के बाद बेचैन हुआ चीन, भारत पर दबाव डालने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ बढ़ाएगा, ऐसी चेतावनी लष्करी विश्लेषक दे रहे हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में विनाशिका, पनडुब्बियाँ, साथ ही छोटे जहाजों के फ्लॉटिला इनकी घुसपैठ कर चीन भारत को घेरने का प्रयास करेगा, ऐसा कहा जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर, पोसायडन विमानों का भारतीय नौसेना में समावेश औचित्यपूर्ण साबित हो रहा है। उसी में, ये विमान भारतीय नौसेना के साथ ही, लद्दाख में तैनात भारतीय लष्कर की जरूरतों को भी पूरा करेंगे, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं।

Indian-Navyउसी के साथ रक्षा मंत्रालय ने, टैंकों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘माईन प्लॉ’ की खरीद के लिए ‘भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड’ के साथ ५५७ करोड़ रुपयों का समझौता किया है। ‘माईन प्लॉ’ हे लैंडमाईन्स खोजकर उन्हें ज़मीन से बाहर निकालने के लिए उपयुक्त हैं। लष्कर के ‘टी-९०’ टैंकों पर ये ‘माईन प्लॉ’ फ़िट किये जायेंगे। भारत-चीन तनाव के बाद सीमा पर ‘टी-९०’ टैंक तैनात किये गये हैं। इन टैंकों का निर्माण देश में किया जानेवाला होकर, ५० प्रतिशन पूर्जे स्वदेशी होंगे। माईन प्लॉ के कारण लष्कर की बड़ी हानि टालने में मदद होगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

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