सर्वदलीय बैठक से भारत ने दी चीन को चेतावनी

नई दिल्ली – ‘भारत की एक इंच भूमि भी दूसरे देश के कब्जे में नहीं गई है। देश की किसी भी लष्करी चौकी पर किसी ने भी कब्ज़ा नहीं किया है, ऐसा नि:सन्देह भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दिलाया है। उल्टा आज तक, सीमा के जिस हिस्से पर उतना ध्यान नहीं दिया गया था, उस हिस्से में भी बुनियादी सुविधाओं का विकास होने के कारण, वहाँ पर घुसपैठ करनेवालों को जगह जगह पर रोका जा रहा है’ यह बयान करके प्रधानमंत्री ने चीन की बेचैनी का असली कारण स्पष्ट किया।Indian Parliment

शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री ने, चीन की सीमा पर बनी स्थिति को लेकर देश के सभी प्रमुख सियासी दलों को विश्‍वास दिलाने के लिए बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में सभी दलों ने, देश की सेना के साथ ड़टकर खड़े रहने की भूमिका अपनाई। बैठक में उपस्थित कुछ नेताओं ने, ‘भारत सरकार ने चीन से सटे सीमाक्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास करने के कारण ही चीन ने घुसपैंठ की कोशिश की’ यह आरोप किया। साथ ही, विश्‍वभर में भारत का स्थान अधिक मज़बूत होने से बेचैन हुए चीन ने भारत को उकसाया है, यह आरोप भी कुछ नेताओं ने इस बैठक में किया। इस समय सियासी दलों ने दिखाई एकता और संघभावना का सेना के मनोबल पर काफ़ी बड़ा सकारात्मक असर होगा, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया।

इस बैठक में विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने, २० भारतीय सैनिकों की शहादत और इस घटना की पृष्ठभूमि एवं इसके बाद भारत सरकार ने राजनीतिक और लष्करी मोरचे पर की हुई गतिविधियों की पूरी जानकारी सामने रखी। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने निवेदन करके, भारत की एक इंच भूमि भी अन्य किसी के हाथ नहीं गई है, यह गवाही दी। साथ ही, सेना की सभी चौकियाँ सुरक्षित होने का बयान करके, शहीद हुए २० सैनिकों ने भी, देश की संप्रभुता पर हमला करनेवालों को सबक सिखाया है, यह कहकर, उन्होंने भारतीय सैनिकों के बलिदान का गौरवता के साथ ज़िक्र किया। चीन से सटे सीमाक्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का बड़ी मात्रा में विकास किया जा रहा है और इसकी वज़ह से भारतीय सेना की क्षमता में बढ़ोतरी हुई हैं और वहाँ पर घुसपैंठ करनेवालों को हर बार रोका जा रहा है, यह बयान करके प्रधानमंत्री ने, यह विवाद निर्माण करनेवाले चीन को निश्चित रूप में क्या चुभ रहा है, यही बात अलग शब्दों में रखी।

आनेवाले समय में भी चीन को प्रत्युत्तर देने के सर्वाधिकार रक्षा बलों को प्रदान किये गए हैं, यह बात भी प्रधानमंत्री ने इस सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट की। इससे, पूरा देश भारतीय सेना के पीछे ड़टकर खड़ा होने का संदेश चीन को प्राप्त हुआ है, ऐसे दावे माध्यमों ने किए। ‘जल-थल-नभ ऐसीं सभी ज़गहों पर देश की सुरक्षा के लिए जो कुछ करना है, वह सुरक्षा बल कर रहे हैं। साथ ही, लड़ाक़ू विमान, प्रगत हेलीकॉप्टर्स, मिसाईलविरोधी यंत्रणा जैसी सुरक्षा बलों की अन्य जरूरतें पूरी करने पर सरकार ज़ोर दे रही है’ यह बयान प्रधानमंत्री ने किया है। इस वज़ह से, लद्दाख में सीमा विवाद निर्माण करके भारतीय सैनिकों को लक्ष्य करनेवाले चीन को, भारत के साथ हुआ यह संघर्ष सिर्फ इसी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, इसका स्पष्ट तौर पर एहसास प्रधानमंत्री ने दिलाया हुआ दिख रहा है।

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