हाँगकाँग को लेकर ‘जी-७’ ने अपनाई भूमिका पर चीन ने जताई आपत्ति

बीजिंग – हाँगकाँग के संदर्भ में ‘जी-७’ के विदेशमंत्रियों ने रखी भूमिका पर चीन ने आपत्ति जताई है। चीन के विदेश विभाग ने जारी किए निवेदन में, हाँगकाँग यह अंदरूनी मुद्दा होने की बात दोहराई है और अन्य लोग इसमें दखलअंदाज़ी ना करें, यह चेतावनी भी दी है। चीन के वरिष्ठ नेता यांग जिएची ने, अमरिकी विदेशमंत्री के साथ हुई बैठक में, हाँगकाँग से संबंधित कानून के मुद्दे से चीन पीछे नहीं हटेगा, यह बात स्पष्ट की है, ऐसा दावा भी विदेश विभाग के निवेदन में किया गया है। चीन की इस अड़ियल भूमिका की वज़ह से, हाँगकाँग के मुद्दे पर चीन और आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच तीव्र राजनीतिक संघर्ष अटल होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।HongKong-G7

पिछले महीने में चीन की संसद में, हाँगकाँग के लिए ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ नाम का विधेयक पेश किया गया था। यह विधेयक यानी हाँगकाँग पर अपनी पकड़ और मज़बूत करने की चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की कोशिशों का हिस्सा समझा जा रहा है। कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर, चीन ने हाँगकाँग को लेकर शुरू की हुईं इन कोशिशों के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र गुँजें सुनाई दे रहीं हैं। अमरीका, कनाडा और युरोपिय देशों के साथ जापान और ऑस्ट्रेलिया का समावेश होनेवाले ‘जी-७’ देशों के गुट ने जारी किया निवेदन, हाँगकाँग के मुद्दे पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने शुरू की हुई मुहिम का हिस्सा समझा जा रहा है।

‘चीन की हुकूमत द्वारा हाँगकाँग पर थोपा जा रहा सुरक्षा कानून, हाँगकाँग का संविधान एवं ब्रिटेन और चीन के बीच हुए समझौते के प्रावधानों का पालन करनेवाला नही हैं। इस कानून से, ‘एक देश-दो व्यवस्थाएँ’ इस तत्त्व का उल्लंघन होने का खतरा है। हाँगकाँग की संपन्नता की नींव होनेवाली स्वायत्तता भी इस कानून की वज़ह से पैरो तले कुचली जाने का ड़र है। इस वज़ह से, चीन की हुकूमत हाँगकाँग से संबधित कानून पर किए निर्णय पर दोबारा विचार करें’ यह माँग ‘जी-7’ के देशों ने आग्रहपूर्वक की है।Hong Kong

हाँगकाँग पर सर्वंकष नियंत्रण पाना मुमकिन हों, इस लिए चीन के शासकों ने वर्ष २००३ एवं २०१४ और अब २०१९ में अलग अलग विधेयक पेश किए थे। सन २०१४ में चीन की हुक़ूमत, हाँगकाँग पर दबाव बनाने में तथा अपना विधेयक थोंपने में कामयाब हुई थी। लेकिन, पिछले वर्ष हाँगकाँग की जनता ने चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत को कड़ी चुनौती देकर पीछे हटने के लिए मजबूर किया था। इस वज़ह से लगे झटके के बाद, ग़ुस्सा हुई चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक पेश करके, हाँगकाँग पर अपनी पकड़ और भी मज़बूत करने की कोशिश शुरू की है।

गुरुवार के दिन चीन की संसद की ‘स्टैंडिंग कमिटी’ में हाँगकाँग में लागू हो रहे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मसौदा पेश किया गया। उसके प्रावधानों के अनुसार, चीन की सुरक्षा यंत्रणाओं को, हाँगकाँग में कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है। चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने शुरू की हुई इस दखलअंदाज़ी के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय समुदाय आक्रामक हुआ है और ‘जी-७’ का निवेदन इनमें से एक अहम पड़ाव है। इस निवेदन के माध्यम से, चीन के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय समुदाय की हुई एकता दिखाई दे रही है और हाँगकाँग के मुद्दे पर चीन की घेराबंदी होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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