भारत-मालदीव के बीच रक्षा सहयोग समझौता

माले – मालदीव के बुनियादी सुविधा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करके चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना को झटके देने के बाद, अब भारत ने मालदीव के साथ पाँच करोड़ डॉलर्स का रक्षा सहयोग समझौता किया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के मालदीव दौरे में दोनों देशों के बीच यह समझौता संपन्न हुआ। मालदीव यह विकास में तथा रक्षा क्षेत्र में भारत का साझेदार देश होने की घोषणा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस समय की। वहीं, भारत यह हमारे देश का विश्वसनीय सहयोगी देश है, ऐसा मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दिदी ने कहा है।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर चार दिनों के दौरे पर हैं। जयशंकर ने मालदीव से अपने दौरे की शुरुआत कर, इस देश के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं। इनमें रक्षा क्षेत्र के विकास के लिए मालदीव को पाँच करोड़ डॉलर की ‘लाईन ऑफ क्रेडिट’ भारत ने दी है। इसके तहत मालदीव भारत से, अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक रक्षा सामग्री की खरीद कर सकता है। इसका फायदा मालदीव के साथ भारत की सुरक्षा के लिए भी होने वाला है।

इसी के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भी वह दोनों देशों में इस समय चर्चा संपन्न हुई। भारत और मालदीव के बीच के सागरी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी कारनामों के लिए ना हों, इसपर विदेश मंत्री जयशंकर और रक्षा मंत्री दिदी इनमें एकमत हुआ। साथ ही, सार्वजनिक प्रसारण, शहरी विकास, सड़कों और घरों का निर्माणकार्य इसके संबंध में दोनों देशों में सहयोग समझौते हुए हैं। इससे पहले, पिछले साल अगस्त महीने में भारत ने, मालदीव की बुनियादी सुविधाओं में ५० करोड़ डॉलर्स के निवेश की घोषणा की थी।

चीन ने मालदीव में सत्ता बदलाव कराके इस देश को अपने वर्चस्व में लाने की कोशिश करके देखी थी। लेकिन इसमें चीन को असफलता प्राप्त हुई थी। अब भी कोरोना की महामारी तथा अंतर्गत विवाद का फायदा उठाकर मालदीव को अपने कर्ज़े के चंगुल में फंसाने की तैयारी चीन ने की थी। चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) इस परियोजना के लिए मालदीव बहुत ही अहम देश साबित होता है, उसके लिए चीन बड़ी कीमत चुकाने के लिए तैयार है। लेकिन भारत ने मालदीव में लगभग ५० करोड़ डॉलर्स के निवेश की घोषणा करके चीन को झटका दिया था। मालदीव के नेताओं ने भी भारत के इस निवेश का स्वागत करके, भारत यह अपना विश्वसनीय सहयोगी देश है, ऐसा कहा था। इस पृष्ठभूमि पर, भारत के मालदीव के साथ बने सहयोग को सामरिक महत्व प्राप्त हुआ है।

मालदीव के दौरे के बाद विदेश मंत्री जयशंकर सोमवार को मॉरिशस में दाखिल होंगे।

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