चीन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भारत ने मालदीव को दिया ‘डॉर्नियर’

नई दिल्ली – भारत ने मालदीव को गश्‍त लगाने के लिए ‘डॉर्नियर’ विमान उपहार के तौर पर प्रदान किया है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है और तभी भारत इस क्षेत्र में अपने मित्रदेशों की सहायता से ‘कोस्टल सर्विलन्स राड़ार सिस्टम’ (सीएसआरसी) का नेटवर्क मज़बूत कर रहा है। बीते वर्ष मालदीव में स्थापित किए गए सेन्सर्स पर आधारित ‘सीएसआर’ यंत्रणा का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों किया गया था। अब मालदीव को डॉर्नियर विमान प्रदान करके भारत ने मालदीव की सीमा में चीनी जहाज़ों की गतिविधियों पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी की है।

dornier-planeभारतीय नौसेना का ‘डॉर्नियर’ विमान मंगलवार के दिन मालदीव में उतरा। हिंद महासागर के ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ (ईईज़ेड) में भारत और मालदीव संयुक्त गश्‍त करते हैं। यह डॉर्नियर विमान इसी गश्‍त में सहायता करेगा। साथ ही इस समुद्री क्षेत्र में जारी ड़कैती और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ़ जारी कार्रवाई की मात्रा भी बढ़ाई गई है। अप्रैल में मालदीव के समुद्री क्षेत्र में पांच स्पीड़ बोट्स और दो छोटे जहाज़ों को संदिग्ध आतंकियों ने आग लगाई थी। इससे वर्णित समुद्री क्षेत्र में गश्‍त लगाने के लिए ‘डॉर्नियर’ विमान उपयोगी साबित होंगे। साथ ही इस विमान से संबंधित क्षेत्र में चीनी जहाज़ों की गतिविधियों पर भी नज़र रखना संभव होगा, यह विश्‍वास भी व्यक्त किया जा रहा है।

वर्ष २०१६ में मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष अब्दुला यामिन के कार्यकाल में मालदीव ने भारत से ‘डॉर्नियर’ विमान की माँग की थी। लेकिन, मालदीव का झुकाव चीन की ओर बढ़ने पर भारत और मालदीव के संबंधों में कटुता आ गई थी। इसका असर दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर हुआ था। लेकिन, वर्ष २०१८ में सोलिह की सरकार बनने पर मालदीव को ‘डॉर्नियर’ प्रदान करने का रास्ता खुल गया। मालदीव नैशनल डिफेन्स फोर्स (एमडीएनएफ) इस ‘डॉर्नियर’ विमान का इस्तेमाल करेगी। इसके लिए भारतीय नौसेना ने मालदीव के पायलट, हवाई निरीक्षक और इंजिनिअर्स को प्रशिक्षण दिया है।

भारत और मालदीव यह मित्र देश इस समुद्री क्षेत्र की ड़कैती, तस्करी और आतंकियों से रक्षा करेंगे, यह विश्‍वास मालदीव के रक्षामंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही भारत-मालदीव के सहयोग का यह एक नया अध्याय होगा, यह बयान भी मालदीव की रक्षामंत्री मारिया दिदी ने किया है। कुछ दिन पहले ही हिंद महासागर में शांति और सुरक्षा के लिए अमरीका ने मालदीव के साथ रक्षा सहयोग किया था। इसके अनुसार मालदीव के द्विपों पर अमरिकी अड्डा स्थापित करने की अनुमति प्रदान होने के समाचार प्राप्त हुए थे। अमरीका और मालदीव ने इस समाचार से इन्कार किया है, लेकिन अमरीका और मालदीव के बीच रक्षा समझौता और भारत अपने इस मित्र देश के साथ बढ़ा रहा रक्षा सहयोग चीन ने इस क्षेत्र से संबंधित रखनी महत्वाकांक्षा को लगाम लगानेवाला साबित होता है।

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