भारत ने मालदीव को प्रदान की २५ करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता

माले – भारत ने रविवार के दिन मालदीव को २५ करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता प्रदान की। कोरोना वायरस की वजह से टूट पडे संकट के कारण गिरावट का सामना कर रही मालदीव की अर्थव्यवस्था संभालने के लिए भारत ने यह सहायता प्रदान की है। चीन के कर्ज के शिकंज़े में फंसी मालदीव की अर्थव्यवस्था बड़ी मुश्‍किलों से घिरी होने की बात सामने आयी थी। इससे बाहर नहीं निकले तो हमारी भी स्थिति श्रीलंका की तरह ही होगी, ऐसा ड़र मालदीव को सता रहा है। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता प्रदान किया जाना अहमियत रखता है।

india-maldivesरविवार के दिन मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुला शाहिद, वित्तमंत्री इब्राहिम अमिर, मालदीव में नियुक्त भारत के उच्चायुक्त सुंजय सुधीर और माले स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुखों की मौजुदगी में मालदीव को २५ करोड़ डॉलर्स का चेक प्रदान किया गया। कोरोना वायरस के संकट से मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में बड़ी गिरावट हुई है और इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था का भी बड़ा नुकसान हुआ है। इससे संभलने के लिए मालदीव ने भारत से सहायता की माँग की थी। मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष सोलिह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस सहायता के मुद्दे पर चर्चा की थी।

इसके बाद भारत ने मालदीव को २५ करोड़ डॉलर्स का कर्ज़ प्रदान किया। इसके लिए भारत ने किसी भी तरह से शर्त नहीं रखी है। साथ ही इस कर्ज का भुगतान करने के लिए मालदीव को दस वर्षों का अवसर दिया गया है। भारत ने इस तरह से सिर्फ मालदीव के लिए ही आर्थिक सहायता की है, यह स्पष्ट किया गया। नेबरहुड फर्स्ट की नीति के तहत यह सहायता प्रदान करने की बात भारत ने कही है।

कोरोना वायरस के संकट के दौर में भारत ने प्रदान की हुई आर्थिक सहायता के लिए मालदीव के विदेशमंत्री शाहिद ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया। मालदीव के लिए भारत महान मित्र है। कोरोना वायरस के कारण सभी देशों को लॉकडाउन जैसे कड़े निर्णय करने के लिए मज़बूर किया है। हवाई सेवा बंद हुई तो भी दिल के दरवाज़े यह वायरस बंद नहीं कर सकता, यही बात भारत ने इस कठिन दौर में सहायता प्रदान करके दिखाई है, ऐसा बयान विदेशमंत्री शाहीद ने किया है। हिंद महासागर के गहरे पानी की तरह भारत और मालदीव की मित्रता है, ऐसा अहम बयान प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। इसकी याद भी उन्होंने ताज़ा की।

दो दिन पहले ही मालदीव की संसद में देश पर बढ़ रहे चीन के कर्ज़ के भार को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। मालदीव का जीडीपी ४.९ अरब डॉलर्स है और मालदीव पर चीन का कर्ज़ ३.१ अरब डॉलर्स है। मालदीव इसी कारण चीन के कर्ज़ के शिकंज़े मं फंसा है। इस ओर समय पर ध्यान नहीं दिया तो मालदीव की स्थिति भी श्रीलंका की तरह होगी यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है। चीन के इस कर्ज़ की वजह से मालदीव की अर्थव्यवस्था गिरावट का सामना कर रही है। ऐसी स्थिति में मालदीव के प्रधानमंत्री सोलिह की सरकार भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है। मालदीव ने अब्दुला यामीन के कार्यकाल में चीन से कर्ज़ प्राप्त किया था। इसीके परीणाम अब दिखाई दे रहे हैं।

इसी बीच, सोमवार से भारत और मालदीव के बीच कार्गो सेवा शुरू हो रही है। तमिलनाडु से कोचिन और मालदीव तक यह सेवा चलाई जाएगी। महीने में दो या तीन बार यह सेवा उपलब्ध होगी। इससे भारत और मालदीव के बीच कनेक्टिविटी और पर्यटन बढ़ेगा, यह विश्‍वास भी व्यक्त किया जा रहा है।

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