भारत-चीन के बीच व्यूहरचनात्मक साझेदारी मज़बूत करने पर बातचीत

बीजिंग, दि. १८ : भारत के विदेश राज्यमंत्री व्ही. के. सिंह चीन यात्रा पर होकर, रविवार को उन्होंने चीन के विदेशमंत्री वँग यी से मुलाकात की| परमाणुइंधन पूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत का प्रवेश चीन द्वारा रोका जाना और ‘चीन-पाकिस्तान इकौनोमिक कौरिडोर’ पर (सीपीईसी) दोनो देशों के बीच पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर, व्यूहरचनात्मक साझेदारी मज़बूत करने पर इस समय दोनो देशों के बीच बातचीत होने की खबर है|

व्यूहरचनात्मक साझेदारीकझाकस्तान की राजधानी अस्ताना में दस दिन पहले संपन्न हुई ‘शंघाय कोऑपरेशन ऑर्गनायझेशन’ (एससीओ) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई थी| इसके बाद अगले महिने में दोनो देशों के राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार मिलने वाले हैं| इससे पहले हुई विदेश राज्यमंत्री की इस यात्रा को विशेष महत्त्व प्राप्त हुआ है|

चीन भारत के ‘एनएसजी’ प्रवेश का विरोध कर रहा है| अपना यह विरोध केवल नियमों के आधार पर है, ऐसा चीन का कहना है| चीन ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में, ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का आतंकवादी मौलाना मसूद अझहर को ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित करने के भारत के प्रस्ताव पर इसी तरह की भूमिका अपनायी थी| इसके अलावा चीन पाकिस्तान में बना रहे ‘इकौनोमिक कौरिडोर’ पर भी भारत को ऐतराज़ है| यह ‘सीपीईसी’ प्रकल्प पाकिस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर से होकर जा रहा है| यह भूभाग भारत का अविभाज्य अंग है| इस वजह से सीपीईसी प्रकल्प का विकास यह अपनी संप्रभुता का सवाल है, ऐसा भारत ने चीन से डटकर कहा था|

इन तीनो मसले पर भारत और चीन के संबंधों में तनाव पैदा हुआ है| भारत का यदि ‘सीपीईसी’ प्रकल्प को विरोध है, तो चीन ने यह प्रकल्प बंद कर देना चाहिए, ऐसी सलाह चीन के विश्‍लेषकों ने दी थी| साथ ही, चीन के भारतस्थित राजदूत ने, इस प्रकल्प में शामिल होने का प्रस्ताव भारत के सामने रखा था| लेकिन इसके बाद भी भारत ‘ओबीओआर’ बैठक में शामिल नहीं हुआ था|

इस पृष्ठभूमि पर, दस दिन पहले ‘एससीओ’ की बैठक में दोनो देशों के राष्ट्रप्रमुखों की मुलाकात हुई थी| इसके बाद अब विदेश मंत्रालय के स्तर पर बातचीत हुई है| रविवार को विदेश राज्यमंत्री व्ही. के. सिंह ने चीन के विदेशमंत्री वँग यी से मुलाकात की| यह बातचीत ‘ब्रिक्स’ (ब्राझील, रशिया, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रिका) बैठक का अजेंडा बनाने के लिये आयोजित की थी|

लेकिन इस बैठक के जरिये सिंह और चीन के विदेशमंत्री ने भारत-चीन व्यूहरचनात्मक साझेदारी पर बातचीत की| लेकिन दोनो देशों के बीच विवाद का विषय रहे ‘सीपीईसी’, ‘एनएसजी’ और ‘अझहर’ मामला इनपर इस समय चर्चा नहीं की गयी| दोनो देशों के सामाईक हित का मसला ढूँढने की कोशिश इस समय हुई, ऐसा अधिकारियों ने कहा| दोनो पड़ोसी देश हैं| दोनो देशों की अर्थव्यवस्थाएँ तेज़ी से विकसित हो रही हैं| चीन के साथ व्यूहरचनात्मक साझेदारी मज़बूत करने के लिए भारत कोशिश कर रहा है, ऐसा सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते समय कहा|

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