छह पुलिसवालों को शहीद करनेवाले हमले के पीछे ‘लश्कर-ए-तोयबा’

नवी दिल्ली/श्रीनगर, दि. १७ : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के थाजिवारा में हुए आतंकी हमले में छह पुलिसवाले शहीद हुए हैं| इस हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार ‘लश्कर-ए-तोयबा’ ने किया है| जम्मू-कश्मीर के पुलीस बल पर १९९० के दशक के बाद हुआ यह सबसे भयानक हमला माना जा रहा है| ‘लश्कर’ का कमांडर ‘जुनैद मट्टू’ को मार गिराने के बाद उसकी मौत का बदला लेने के लिए ‘लश्कर’ ने यह हमला किया है, ऐसा सामने आ रहा है| इसी दौरान, सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने, जल्द ही जम्मू-कश्मीर के हालात काबू में आयेंगे, ऐसा भरोसा जताया है|

‘लश्कर-ए-तोयबा’भारतीय सेना के जवानों ने ‘जुनैद मट्टू’ को मुठभेड में मार गिराया था| कई आतंकी हमले करनेवाला मट्टू ‘लश्कर’ का प्रमुख आतंकी माना जाता था| उसकी मौत के बाद कुछ ही घंटो के भीतर ‘लश्कर’ के आतंकवादियों ने अनंतनाग ज़िले में थाजिवार में पुलीस के पथक पर भीषण हमला किया| इस हमले में पुलीस अधिकारी फिरोज अहमद दार समेत छह जवान शहीद हुए थे| शहीदों में स्वीर अहमद, शाराझ अहमद, शरिक अहमद, मोहम्मद असिफ, सबझार अहमद शामील हैं| १९९० के दशक के बाद जम्मू-कश्मीर के पुलीस बल पर इतना भीषण हमला नहीं हुआ था, ऐसा दावा किया जा रहा है| इससे ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आनेवाले समय में आतंकवादी इस राज्य में अपनी गतिविधियाँ और तेज़ करेंगे|

जुनैद मट्टू के पहले भी भारतीय सेना ने ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ के खतरनाक आतंकवादियों को मार गिराया था|

आतंकवादियों के नेता इस तरह खत्म किये जा रहे हैं, मग़र उनके समर्थक सड़क पर उतरकर जवानों पर पथराव कर रहे हैं, ऐसा सामने आ रहा है| अब तक इन दंगेखोरो पर कार्रवाई करते समय जवान बहुत ही संयम बरत रहे हैं| उसी समय, भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई करते समय मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है, ऐसी आलोचना देश के कुछ बुद्धिवादियों ने शुरू की है|

खास तौर पर, मेजर गोगाई ने दंगलखोर को जीप से बाँधकर, पत्थर फेकनेवालों को रोका था, इसपर कुछ बुध्दिवादियों ने कड़ी नाराज़गी जताई थी| लेकिन ऐसे निर्णय लेना हालात पर निर्भर करता है, ऐसा कहते हुए, ‘यह भारतीय सेना की नीति नहीं है’ ऐसा खुलासा सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत ने किया है|

हैद्राबाद में एक कार्यक्रम में बात करते समय जनरल रावत ने, भारतीय सेना मानवाधिकारों का सम्मान करती है, ऐसा स्पष्ट किया था| लेकिन कभी कभी हालात के अनुसार निर्णय लेने पडते हैं, ऐसा कहते हुए, मेजर गोगोई ने लिए निर्णय का सेनाप्रमुख ने समर्थन किया था| साथ ही, जल्द ही जम्मू-कश्मीर के हालात काबू में आ जायेंगे, ऐसा विश्‍वास सेनाप्रमुख ने जताया है|

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