भारत और सऊदी की अफगानिस्तान के संदर्भ में चिंताएँ एकसमान – सऊदी के विदेश मंत्री प्रिन्स फैजल

नई दिल्ली – भारत और सऊदी अरब की अफगानिस्तान के संदर्भ में चिंताएँ एकसमान हैं, ऐसा सऊदी के विदेश मंत्री प्रिन्स ‘फैजल बिन फरहान अल सौद’ ने कहा है। भारत के तीन दिन के दौरे पर होनेवाले प्रिन्स फैजल की यह भेंट अफगानिस्तान की गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हुई सऊदी के विदेश मंत्री की चर्चा में अफगानिस्तान का मुद्दा अग्रक्रम पर था। साथ ही, प्रिन्स फैजल ने ‘मेक इन इंडिया’ उपक्रम की और भारतीय उद्योग क्षेत्र की प्रशंसा की है।

India-Saudi-Afghanistan-सऊदी के विदेश मंत्री प्रिन्स फैजल के साथ अफगानिस्तान, खाड़ी क्षेत्र और इंडो-पैसिफिक के संदर्भ में बहुत ही उपयुक्त चर्चा संपन्न हुई। राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्रों में सामरिक साझेदारी व्यापक करने पर दोनों देशों का एकमत हुआ है, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने घोषित किया। वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और सऊदी के विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के समान हितसंबंधों पर चर्चा की।

सन २०१९ के अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा किया था। इस समय दोनों देशों के बीच ‘स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काऊन्सिल ऍग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत दोनों देशों में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र तथा मनुष्य बल विकास इन क्षेत्रों में सहयोग व्यापक करने का फैसला दोनों देशों ने किया था। इस समझौते की प्रगति का मुआयना भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश मंत्री प्रिन्स फैजल की इस चर्चा में किया गया।

साथ ही, गल्फ कोऑपरेशन काऊन्सिल, जी२० तथा संयुक्त राष्ट्र संगठन जैसे बहुपक्षीय व्यासपीठ पर भारत और सऊदी के सहयोग पर भी इस समय चर्चा संपन्न हुई। इसी बीच, हालाँकि विशेष जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, फिर भी अफगानिस्तान विषयक भारत और सऊदी अरब की भूमिका को इस चर्चा में सर्वाधिक महत्व दिया गया होने के संकेत मिल रहे हैं।

अफगानिस्तान के संदर्भ में भारत और सऊदी अरब के हित संबंध एक समान होने की बात इस उपलक्ष्य में फिर एक बार सामने आई है।

अफगानिस्तान के संदर्भ में भारत और सऊदी को प्रतीत हो रही चिंताएँ एकसमान हैं, ऐसा प्रिन्स फैजल ने कहा। अल कायदा, आयएस और तालिबान का अफगानिस्तान में हुआ उदय, यह घातक बात साबित होती है, ऐसी दोनों देशों की सोच इस चर्चा में स्पष्ट हुई। विदेश मंत्रालय के निवेदन में भी यह बात नमूद की गई है। इसी बीच, सऊदी अरब भारत की अफगानिस्तान विषयक भूमिका पर सहमति व्यक्त करते समय ही, सऊदी अरब का प्रतिस्पर्धी माना जानेवाला ईरान भी भारत की अफगानिस्तान विषयक भूमिका की सराहना कर रहा है। पाकिस्तान जैसे देश के इशारे पर नाचने के बजाय, तालिबान भारत के साथ संबंध स्थापित करें और भारत के साथ ही ईरान, रशिया और चीन के साथ मेल बिठाएँ , ऐसा मशवरा ईरान के एक प्रभावशाली अखबार ने तालिबान को दिया है।

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