विदेशी निवेशकारों को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री की महत्त्वपूर्ण बैठक

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – चीन द्वारा मुखभंग किये गए दुनिया के प्रमुख देश सुरक्षित निवेश के लिए अन्य विकल्पों का विचार कर रहे हैं और यह सुअवसर हाथ से ना जायें इसलिए भारत सरकार ज़ोरदार प्रयास कर रही है। इस पार्श्वभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में वित्तमंत्रालय और वाणिज्य विभाग के मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों की महत्त्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस समय निवेशकार और भारत आनेवाले नये उद्योगों को अड़चनों का सामना ना करना पड़ें, इस ओर ध्यान देने के निर्देश प्रधानमंत्री ने दिए। साथ ही, इन निवेशकारों को मंज़ुरी के लिए प्रतीक्षा करनी ना पड़ें, इसके लिए यह प्रक्रिया और उसके लिए लगनेवाला समय, कम करने का निर्णय लिया गया है।

कोरोनावायरस की महामारी के कारण चीन में स्थित अपने कारखाने बंद करने की तैयारी में होनेवालीं बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत की ओर विकल्प के रूप में देख रहीं हैं। साथ ही, कुछ कंपनियों ने भारत सरकार के साथ चर्चा भी शुरू की होने की ख़बरें आयीं थीं। भारत इस अवसर का फ़ायदा कैसे उठा सकता है और जागतिक सप्लाई शृंखला में अपनी साझेदारी कैसे बढ़ा सकता है, इसके लिए केंद्रीय स्तर पर लगातार बैठकें शुरू हैं, ऐसा कहा जाता है। गुरुवार को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में इस संदर्भ में अहम बैठक संपन्न हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल इनके साथ, इस खाते के राज्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस समय, भारत आनेवाले निवेशकारों को केंद्र तथा राज्य स्तर पर किसी भी समस्या का सामना करना ना पड़ें और मंजुरी प्रक्रिया में देर ना हों, इसलिए इस कालावधि को कम करने की सूचनाएँ प्रधानमंत्री ने दीं। साथ ही, निवेशकारों को आनेवाली हर एक समस्या को अधिक सक्रियता दिखाकर सुलझाने के निर्देश भी प्रधानमंत्री ने दिये। औद्योगिक ज़मीनें, क्षेत्रों के परिसर में बुनियादी ढाँचागत सुविधा विकसित करने तथा उद्योगों को आवश्यक आर्थिक सहायता की आपूर्ति करने पर भी इस समय चर्चा हुई।

वैसे ही, भारत में निवेश करनेवाले नये निवेशकारों के साथ साथ, विद्यमान निवेशकारों तथा स्थानीय उद्योगों को भी इस संकट की परिस्थिति में सहायता का हाथ बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्णय इस समय हुआ। उसीके साथ, स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए तेज़ी से नीति बनाने के आदेश प्रधानमंत्री ने दिए।

पिछले हफ़्ते ही वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल ने एक्सपोटर्स काउन्सिल की बैठक में, सरकार निर्यातकों को सहायता करने, उन्हें प्रोत्साहन और सहूलियतें देने के लिए कदम उठा रही है, ऐसा कहा था। जागातिक व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के नियमों का उल्लंघन ना हों, इस प्रकार सहूलियतें दी जायेंगी, ऐसा वाणिज्यमंत्री गोयल ने कहा था। इससे पहले केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगमंत्री नितीन गडकरी ने, लघु एवं मध्यम उद्योगों के, सरकार के पास होनेवाले कर्ज़े चुकते करके बाज़ार में नकदी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ की निधि तैयार करने की घोषणा की थी। बदलती जागतिक परिस्थिति में उपलब्ध हुआ अवसर हाथ से निकल ना जायें और अर्थव्यवस्था में भी तेज़ी आयें, इसलिए सरकार पूरी तरह प्रयास कर रही होने की बात, इस बैठक के द्वारा अधोरेखांकित हुई है।

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